भाजपा को परीदाबाद में मिला प्लॉट, सारे नियम ताक पर रख दिए गए

भाजपा को परीदाबाद में मिला प्लॉट, सारे नियम ताक पर रख दिए गए
March 13 15:09 2021

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

फरीदाबादः आखिरकार भाजपा को फरीदाबाद सेक्टर 15 में प्राइम लोकेशन पर अपना दफ्तर बनाने के लिए प्लॉट मिल गया। इसके लिए सारे नियम कानून ताक पर रख दिए गए। मजदूर मोर्चा ने 12 दिसम्बर 2020 के अंक में इस बारे में खबर प्रकाशित की थी कि एक प्लॉट के दो बीमार। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी या हुडा) ने फरीदाबाद में राजनीतिक दल को दफ्तर बनाने के लिए प्लॉट देने की पेशकश की थी। इसके लिए सिर्फ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने आवेदन किया था। लेकिन यह सब खानापूर्ति और ड्रामेबाजी थी ताकि किसी अदालत में इसे चुनौती नहीं दी जा सके।
खास बात यह है कि इस देश में कांग्रेस का करीब 70 साल तक शासन रहा लेकिन उसने कभी किसी जिला मुख्यालय पर सरकारी प्लॉट लेकर उस पर अपना जिला स्तरीय दफ्तर बनाने की पहल नहीं की। लेकिन हरियाणा के हर जिले में भाजपा को जिला कार्यालय बनाने के लिए सरकारी जमीन सस्ते में आवंटित की जा रही है। भाजपा के कई जिला दफ्तरों को बनाने में बहुत बड़ा स्कैंडल भी सामने आ रहा है।

ये थी हुडा की पेशकश
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हरियाणा में जब कोरोना टॉप पर था तो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी या हुडा) ने अगस्त में एक विज्ञापन निकाला जिसमें सेक्टर 15 में एपीजे स्कूल के पास 36.00&23.64=851.04 वर्गमीटर जमीन पर राजनीतिक दल के दफ्तर के लिए आवेदन मांगे गए। इसका रिजर्व दाम 31500 रुपये प्रति वर्गमीटर रखा गया। आवेदन करने वाले राजनीतिक दल को अपनी अर्जी के साथ कुल अनुमानित दाम का दस फीसदी जमा कराना था। यह पैसा करीब 2680776 रुपये था। आवेदन 18 अगस्त 2020 से लेकर 29 सितम्बर 2020 तक किया जाना था। इसके लिए आसान सी शतें रखी गईं। इसमें कहा गया था कि सिर्फ राष्ट्रीय और राज्य में मान्यता प्राप्त दल ही इस प्लाट के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन दलों का कोई भी विधायक हरियाणा विधानसभा में नहीं है, वो दल इस प्लॉट के लिए आवेदन नहीं कर सकते।

सब काम चुपचाप

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इस विज्ञापन का बहुत ज्यादा प्रचार नहीं किया गया। इसकी जानकारी या तो प्रॉपर्टी डीलरों को थी या फिर भाजपा और जेजेपी के उच्चस्तरीय नेताओं को थी। यहां तक कि राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं को भी इस तरह का प्लॉट राजनीतिक दलों को बेचे जाने की जानकारी नहीं थी। हुडा के पास सिर्फ भाजपा और जेजेपी के ही आवेदन आये हैं। इसके बाद इस फाइल को बहुत गोपनीयता बरतते हुए हुडा के पंचकुला मुख्यालय भेज दिया गया। हुडा सीधे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अधीन है। मीटिंग की खानापूर्ति करके भाजपा का आवेदन मंजूर करते हुए उसे सेक्टर 15 में एपीजे स्कूल के पास 851.04 वर्गमीटर प्लॉट आवंटित कर दिया गया। हालांकि अभी फरीदाबाद में हुडा दफ्तर के पास सरकारी फैसले की सूचना नहीं आई है। लेकिन हुडा के पंचकुला स्थित आला अफसरों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि सरकार के दबाव पर भाजपा को प्लॉट आवंटित कर दिया गया है। लिखित आदेश को फरीदाबाद भेजा जाना एक मामूली प्रक्रिया है जो रुटीन में हो जाएगी। प्लॉट जिला भाजपा को दिया जा चुका है।

सेक्टर 78 में भी मिला था प्लॉट

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2019 में दोबारा सत्ता हथियाने के बाद भाजपा ने हर जिले में अपना दफ्तर बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी थी। फरीदाबाद में सबसे पहले नहरपार सेक्टर 78 में भाजपा को हुडा ने चुपचाप प्लॉट आवंटित किया था, जिसकी मद में शुरुआती 28 लाख रुपये भाजपा ने जमा भी करा दिए। लेकिन बाद में स्थानीय वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने कहा कि जिला कार्यालय जब तक मुख्य फरीदाबाद में नहीं होगा, तब तक पार्टी अपनी गतिविधियों को ठीक से नहीं चला पाएगी। इसलिए पार्टी का दफ्तर सेक्टर 12 में तमाम सरकारी दफ्तरों के पास ही होना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए चंडीगढ़ से फरीदाबाद हुडा दफ्तर के अफसरों पर जबरदस्त दबाव बनाया गया कि वे प्राइम लोकेशन पर भाजपा को प्लॉट दिलाएं।

भाजपा की चाकरी में जुटे मुंह लगे हुडा के कुछ अफसरों ने सेक्टर 15 के प्लॉट का उल्लेख भाजपा नेताओं से कर दिया। इसके बाद दबाव बनाकर नहरपार सेक्टर 78 में जिला भाजपा को मिले प्लॉट का आवंटन रद्द कराया गया और उसके बाद सेक्टर 15 में देने का फैसला किया गया। लेकिन यह प्लॉट हुडा सीधे दे नहीं सकता था, इसलिए इसका विज्ञापन निकाला गया। चूंकि प्लॉट सिर्फ भाजपा को ही मिलना था, इसलिए इस विज्ञापन को कभी कभार छपने वाले समाचारपत्रों में इस ढंग से इतना छोटा निकाला गया कि किसी की नजर ही न पड़े। लेकिन इस विज्ञापन की भनक कहीं से जेजेपी को पड़ गई। उसने भी खानापूर्ति के लिए आवेदन कर दिया लेकिन प्लॉट पाने को उसने मुद्दा नहीं बनाया। अगर जेजेपी समेत सारे राजनीतिक दल इसे मुद्दा बना देते तो शायद हुडा को भाजपा के प्लॉट देने की प्रक्रिया रोकनी पड़ती। हुडा ने जिस गोपनीय तरीके से नहरपार सेक्टर 78 में भाजपा को प्लॉट आवंटित किया था, वही गोपनीयता सेक्टर 15 वाले प्लॉट के मामले में भी बरती गई।

भाजपा दफ्तर बनाने के नाम पर स्कैंडल

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रोहतक और गुड़गांव में भाजपा का दफ्तर बनने को लेकर जब विवाद सामने आया तो इसके जरिए एक स्कैंडल भी सामने आया। रोहतक सेक्टर 5 में रेलवे ओवरब्रिज के साथ एक एकड़ जमीन पर खड़ा बीजेपी का दफ्तर शुरू से विवादों के केंद्र में रहा है। यह जमीन सारे नियमों को ताक पर रखकर दी गई। यह दफ्तर साढ़े छह मंजिला है। इसे नोएडा की कंपनी विवाम कॉन्ट्रैक्ट इंडिया प्रा. लि. ने बनाया था। लेकिन असली कहानी कुछ और है। मीडिया रपटों और विपक्ष के आरोपों के मुताबिक जिस कंपनी को देश के पहले एलिवेटेड रेल ट्रैक का ठेका मिला है, उसी से रोहतक में भाजपा का दफ्तर बनाने की डील हुई थी। यानी ठेके के बदले उस कंपनी को रोहतक में भाजपा का दफ्तर बनवा कर देना था। रोहतक दफ्तर पर सौ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। भाजपा का रोहतक में दफ्तर बनवाने में पूर्व मंत्री और प्रमुख नेता मनीष ग्रोवर की मुख्य भूमिका रही है।

इसी तरह गुडग़ांव में सबसे महंगी जमीन पर भाजपा का दफ्तर है। हुडा ने सबसे पहले 2017 में सेक्टर 41 में भाजपा को 4000 वर्गमीटर जगह आवंटित की। लेकिन भाजपा नेताओं को वह जगह पसंद नहीं आई। हालांकि इलाके के लोगों ने यह जगह आवंटित किए जाने का विरोध किया था। इसके बाद सेक्टर 30 में बेशकीमती जमीन भाजपा दफ्तर के लिए हुडा ने आवंटन की पेशकश की।

एक तरफ तो भाजपा अपनी ही सरकार की मदद से हरियाणा के हर जिला मुख्यालय पर जमीन आवंटित करा रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस ने जब यही काम किया था तो भाजपा ने उसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया और अपनी ही सरकार की ओर से केस दर्ज करा दिया। कांग्रेस शासनकाल में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पंचकूला में कांग्रेस समर्थित अखबार नैशनल हेराल्ड और नवजीवन के लिए जमीन आवंटित की थी। हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई अन्य नेता आज भी उस मामले में अदालत का सामना कर रहे हैं। एक अजीबोगरीब बात और भी है, वह यह कि भाजपा अपनी ही सरकार की मदद से अपने दफ्तर के लिए हर शहर में जमीन ले रही है लेकिन कांग्रेस की ओर से इसे कभी मुद्दा नहीं बनाया गया।

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