विवेक कुमार
फरीदाबाद (ममो) बीते 7 दिसम्बर को सैक्टर 8-9 की डिवाइडिंग सडक़ पर स्थित ईएसआई अस्पताल के ठीक सामने एमसीएफ के अधिकारियों और विधायक नरेन्द्र गुप्ता के लग्गों, भग्गों की भीड़ एक जेसीबी मशीन, गेंदे की मालाएं एक नारियल और कलाकंद व् लड्डू के डिब्बों के साथ खड़ी थी। पता चला कि विधायक नरेन्द्र गुप्ता के करकमलों से सडक़ किनारे ड्रेनेज लाइन डालने का काम होने शुरू होने जा रहा है जिसका उद्घाटन विधायक जी करेंगे।
गुप्ता के आते ही लग्गे भग्गों में माला पहनाने की होड़ लगी और फोटो खिचवाने का दौर समाप्त होने के बाद विधायक जी ने देखा कि जहाँ पाइप डालनी है वहां पर तो पाइपों का ढेर लगवा रखा है सो खुदाई कहाँ की जाएगी। इस शंका का समाधान एसडीओ से माँगा गया सो उन्होंने तुरंत सडक़ की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यही कर देते हैं सर। विधायक जी को बात जंची नहीं और बोले यहाँ तो सडक़ है यहाँ खुदाई करने से फिर भविष्य में सडक़ को चौड़ा कैसे करेंगे। इस विकट स्थिति में जेसीबी पर बैठे ड्राइवर के हाथ-पांव नयी मशीन से बस गड्ढा खोद देने के लिए कुलबुला रहे थे। भीड़ से विधायक के चमचों ने सलाह देनी शुरू की। किसी ने दक्षिण छोर पर खोदने को कहा तो किसी ने उत्तर। काफी मशक्कत के बाद तय हुआ कि बिल्कुल सडक़ के किनारे खोदा जाए।
जेसीबी के गेयर पर हाथ की खुजली मिटाने ड्राईवर ने इशारा पाते ही मशीन का पंजा सडक़ किनारे मि_ी में धंसा दिया, मीडिया को देख भरपूर जोश में आये जेसीबी ऑपरेटर ने दो तीन बार में ही 6 फीट गड्ढा खोद दिया लेकिन अचानक सबको पता चला कि अरे- अरे यहाँ तो एक पाइप पहले से ही है।
विधायक ने एसडीओ को फिर पूछा अब क्या किया जाए, इससे पहले कि एसडीओ जवाब दें चमचों ने सलाह पेल दी। कहा, थोडा पाइप के किनारे करके खोद लेते हैं। जेसीबी ऑपरेटर ने मशीन को पूरे जोश से चलाया और सडक़ पर खड़े पेड़ जो गड्ढे बनाने मेें अड़ रहा था को उखाड़ फेका। इस तरह एन सडक़ किनारे गड्ढा तैयार, पर इसकी खासियत थी कि सडक़ में पहले से पड़े सैकड़ों गड्ढों से ये काफी बड़ा है, जिसकी माप देखने के लिए एक 5 फीट के आदमी को गड्ढे में उतारा गया। मीडिया में फोटो आने के जोश में आदमी गड्ढे में कूद पड़ा। मिठाइयाँ बंटी, नारियल फूटा, पानी पी कर बोतलें सडक़ किनारे फेंकी गईं और हो गया काम पूरा। लड्डू खा कर हाथ साफ करती भीड़ से पूछा गया कि क्या हो रहा है यहाँ, एक ने कहा हमे का पता भईया कि का हो रौ है, दूसरे ने कहा, भाई यू धरे पैप, जे पैपन ने सडक़ भीतर डारबे खातर गड्ढा खुदैगो। तीसरे ने कहा ड्रेनेज पाइप डाली जा रही हैं। पर पाइप तो पहले से डाली हुई थीं, जवाब मिला, भाई जाम हो गई वो तो कबकी इसलिए अब नयी डाल रहे हैं, विधायक जी की वजह से ही हो पा रहा है ये काम।
एक समझदार ने कहा, पाइप नहीं डल रही, फोटो खिंचवाई जा रही है। एसडीओ को पता ही नहीं कहाँ पाइप रखवानी है और कहाँ खुदवानी है, विधायक के पास कोई रिपोर्ट ही नहीं, अन्य अधिकारी बिना होमवर्क किये और बिना कोई नक्शा देखे बस नारियल और मिठाई पर जोर देकर आ गए। चमचों ने कहा यहाँ खोदो तो यहाँ खोद दिया विधायक कहेगा वहां खोदो तो वहां खोद देंगे।
अक्ल होती और काम करने की आदत तो कहाँ खुदेगा और कहाँ नहीं इसका ज्ञान अफसरों को होता पर क्योंकि उन्हें भी पता है कि नेता को फोटो खिचवानी है तो फिर खिंचवा दो फोटो। यानी जस राजा तस प्रजा।