मैं सीएम का हनुमान हूं। इस शहर में जो मैं चाहता हूं, वो होता है। इसलिए जो मिलता है, वो ले लो। भलाई इसी में है

मैं सीएम का हनुमान हूं। इस शहर में जो मैं चाहता हूं, वो होता है। इसलिए जो मिलता है, वो ले लो। भलाई इसी में है
December 02 07:12 2020

मैं खट्टर का हनुमान हूं… मैं जो चाहता हूं, शहर में वही होता है

भाजपा नेताओं पर गैरकानूनी धंधे का आरोप, 14 लाख हड़पे, पैसे मांगने पर धमकियां

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

करनाल: शहर के कुछ भाजपा नेताओं के खिलाफ चिटफंड, कमेटी चलाने के नाम पर लोगों का पैसा हड़पने की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से की गई है। शिकायत को सीएम विंडो पर भी भेजा गया है। जिन भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत की गई है, उसमें वरिष्ठ भाजपा नेता भगवान दास अग्गी, राजेश अग्गी और संजीव शामिल हैं। खास बात यह है कि राजेश अग्गी का नाम खट्टर की पसंद के मुताबिक हाल ही में भाजपा की ओर से सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए प्रस्तावित किया गया था, जिसे समस्त पार्षदों ने नानुकर करने के बाद मान लिया। समझा जाता है कि ताजा मामला भी पार्षदों की नाराजगी के बाद सामने आया है। अग्गी परिवार पर लगाये गए आरोप ये भी बताते हैं कि करनाल भाजपा के कुछ नेता किस तरह खट्टर के नाम का इस्तेमाल कर अपना धंधा चला रहे हैं।

भाजपा नेता और सीनियर डिप्टी मेयर राजेश अग्गी के पिता भगवान दास लंबे समय तक रामनगर इलाके से पार्षद रहे हैं। इस वजह से पूरा परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ है और करनाल में काफी प्रभावशाली माना जाता है। भगवान दास के दो बेटे हैं, जिनमें राजेश के अलावा संजीव अग्गी भी है।

न्यू प्रेमनगर करनाल के रहने वाले जतिन बहल ने सीएम विंडो पर भेजी गई शिकायत में कहा कि संजीव ने अपने पिता और भाई का हवाला देते हुए कहा कि हम लोग चिटफंड और गैरकानूनी कमेटियों (जिसमें लोगों का समूह पैसे लगाता है) के जरिये मोटा पैसा कमा रहे हैं। वह भी उनके साथ पैसा लगाये। जतिन बहल का आरोप है कि संजीव अग्गी के झांसे में आकर उसने 14,50,000 रुपये उनके गलत धंधे में लगा दिए। इससे पहले संजीव कई बार जतिन से पैसे लेकर वापस कर चुका था तो जतिन को उस पर विश्वास हो गया था। इस वजह से भी उसने पैसे संजीव के गलत कारोबार में लगा दिए।

जतिन ने 14 लाख रुपये का ब्यौरा देते हुए आरोप लगाया कि संजीव ने उससे पांच लाख रुपये कमेटी डालने के नाम पर लिए। इसके बाद साढ़े नौ लाख रुपये संजीव ने उससे अलग-अलग तारीखों पर अपनी जरूरत बताकर लिए थे। जिसके पूरे सबूत उसके पास मौजूद हैं। जतिन ने जब पैसे वापस मांगे तो संजीव टालमटोल करने लगा। आरोप है कि फिर उसने अपने पिता भगवान दास और राजेश अग्गी की भाजपा में पहुंच और सीएम से सीधे संबंधों का हवाला देकर कहा कि वे लोग जतिन की सरकारी नौकरी लगवा देंगे। लेकिन उसने इन्कार कर दिया।

इस बीच शहर में और लोगों ने भी संजीव से उधार दिए गए पैसे मांगने शुरू कर दिए। जतिन बहल के मुताबिक संजीव अग्गी ने फेसबुक पर पोस्ट डाली, जिसमें संजीव ने लिखा कि या तो वो अपने शरीर के अंग बेच देगा या फिर खुदकुशी कर लेगा। क्योंकि लोग उससे अपने दिये हुए पैसे मांग रहे हैं, जो उसके पास नहीं हैं। इसी दौरान संजीव का मामला लोकल टीवी चैनल पर उछला, जिसमें कहा गया कि संजीव अग्गी ने शहर से इस तरह करोड़ों की ठगी की है। जतिन बहल ने एक बार फिर से अपने पैसे संजीव अग्गी से मांगे। संजीव ने उससे कहा कि अभी उसके पास पैसे नहीं हैं। वो उसके पिता भगवान दास और बड़े भाई राजेश अग्गी से बात कर ले।

जतिन बहल का आरोप है कि जब वह राजेश अग्गी और भगवान दास से बात करने गया और अपने पैसे वापस मांगे। इस पर दोनों बिगड़ गये। भगवान दास ने मुझे धमकाते हुए कहा कि तुम हमें नहीं जानते हो। मैं सीएम का हनुमान हूं। इस शहर में जो मैं चाहता हूं, वो होता है। इसलिए जो मिलता है, वो ले लो। भलाई इसी में है। अन्यथा झूठे मुकदमों में जेल की हवा खानी पड़ेगी। संजीव के पास पैसे नहीं हैं, और न वह तुमको देगा। अगर फैसला चाहते हो तो जो रकम तुमने दी थी, उसका 10-15 फीसदी मिल जायेगा। इसी पर समझौता कर लो।

जतिन के मुताबिक उसके पिता और जीजा ने संजीव को फोन कर पैसे मांगे और कहा कि उनका बेटा टेंशन में है, कुछ कर न बैठे। इसके बाद मेरे पिता और जीजा शहर के प्रतिष्ठित लोगों के साथ पंचायत करने संजीव के घर गए। वहां संजीव ने सभी की बेइज्जती की। इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर ने अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए रामनगर थाने में फोन किया। उसके बाद थाने की पुलिस बार-बार हमें पेश होने के लिए थाने बुलाती रही। पुलिस ने भी हम पर समझौते का दबाव बनाया। इस घटना से बहुत पहले जतिन बहल ने थाने में संजीव अग्गी के खिलाफ शिकायत की थी। पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन बार-बार जतिन बहल और उसके परिवार को धमकाया गया। हमसे कुछ पैसे लेकर समझौता करने को कहा गया। इसके बाद 10 नवम्बर को कुछ पुलिस वाले जतिन बहल के घर की तलाशी लेने भी पहुंच गए। यह सारी कार्रवाई सीसीटीवी में रेकॉर्ड है। हमें फिर थाने बुलाया गया, वहां पुलिस वालों ने सीनियर डिप्टी मेयर राजेश अग्गी और संजीव अग्गी से समझौता करने को कहा। थाने में कहा गया कि समझौता नहीं किया तो हम तुम्हें झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।

जतिन बहल ने सीएम खट्टर से अपील की है कि वह संजीव अग्गी, राजेश अग्गी से उसके पैसे वापस दिलाये और रामनगर पुलिस के आतंक से भी उन्हें बचाया जाय। किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से सारे मामले की जांच कराई जाए।

24 नवम्बर को भेजे गए इस पत्र पर अभी तक मुख्यमंत्री ने अपने ही शहर के इन भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इस संबंध में पुलिस को भी कोई निर्देश नहीं मिला है। लेकिन सारे शहर और हरियाणा में जतिन बहल की इस शिकायत और भाजपा नेताओं के आतंक की चर्चा है।

 

 

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