बुटाना की दोनों दलित लड़कियों की मेडिकल जाँच पीजीआई में कराई जाये : हाईकोर्ट
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो
चंडीगढ़ : बुटाना केस में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, करनाल जेल के अफ़सरों को निर्देश दिया है कि जेल में बंद दो बहनों का पीजीआई चंडीगढ़ में मेडिकल चेकअप कराया जाय। बुटाना पुलिस चौकी के दस-बारह पुलिस वालों पर इन दोनों दलित बहनों से गैंगरेप का आरोप है। पुलिस ने दोनों बहनों को दो पुलिसकर्मियों की कथित हत्या में गिरफ़्तार कर रखा है।
बता दें कि 29 जून रात को बुटाना पुलिस चौकी के दो सिपाही जब गश्त पर थे उन्होंने हरियाली पार्क के पास दो लड़कियों को अमित और उसके दोस्तों के साथ एक पार्क में बैठा पाया। दोनों पुलिस वालों ने उनमें से नाबालिग लडक़ी को उनके हवाले करने को कहा। उनमें से एक अधेड़ पुलिसकर्मी ने तो उस नाबालिग लडक़ी का उसी जगह रेप करने की नीयत से खुद को उस पर गिरा दिया। इसी संघर्ष में कथित तौर पर अमित ने दोनों पुलिस वालों पर चाकू से वारकर उन्हें मार डाला। अगले दिन पुलिस ने जीन्द में अमित को कुख्यात बदमाश बताते हुए उसका एनकाउंटर कर दिया। दोनों लड़कियों को बुटाना से गिरफ़्तार कर पुलिस ने नाबालिग लडक़ी से न सिर्फ गैंगरेप किया बल्कि और भी ज़ुल्म ढाये।
इस मामले को सबसे पहले मज़दूर मोर्चा ने उठाया। इसके बाद हरियाणा के नागरिक संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के जाने माने वक़ील आर. एस. बैंस ने लड़कियों के परिवार की ओर से याचिका दायर की। इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब माँगा।
पिछली सुनवाई पर सोनीपत पुलिस और करनाल जेल ने अपने जवाब दाखिल किये। जवाब के रूप में इन सरकारी एजेंसियों ने अपनी सफ़ाई पेश की।
हाई कोर्ट में जस्टिस अर्चना पुरी ने आदेश दिया कि पीजीआई चंडीगढ़ में दोनों लड़कियों का मेडिकल परीक्षण कराया जाये। करनाल जेल और बाल संरक्षण गृह दोनों लड़कियों के अभिभावकों को जब वे चाहें मिलने की इजाज़त दे। लड़कियों की ज़मानत अर्ज़ी की सुनवाई अलग से होगी।