मज़दूर मोर्चा ब्यूरो
चंडीगढ़: बुटाना गैंगरेप कांड और कथित एनकाउंटर मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार, डीजीपी हरियाणा और एसपी सोनीपत को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। इस बीच हरियाणा के तमाम छात्र, सामाजिक, नागरिक और कर्मचारी संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा कर दी है। मज़दूर मोर्चा पिछले दो महीने से इस मामले को लगातार उठा रहा है।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस मंजरी कौल की अदालत ने इस सनसनीख़ेज़ घटना पर हरियाणा सरकार, डीजीपी और एसपी सोनीपत से कहा है कि वह 16 नवंबर तक इस मामले में अपना पक्ष और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी दे।
पाठकों को याद होगा कि 29-30 जून की आधी रात को सोनीपत जिले के बुटाना गाँव में गश्त पर निकले दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई। अगले दिन पुलिस ने अमित नामक युवक को कुख्यात बदमाश बताते हुए जीन्द में उसका कथित एनकाउंटर कर दिया। पुलिस का आरोप है कि अमित ने अपने दोस्तों और दो लड़कियों के साथ मिलकर दोनों पुलिसकर्मियों की हत्याएँ की हैं। इसके अलावा बुटाना पुलिस ने बुटाना गाँव में उन दोनों लड़कियों की तलाश में कई लड़कियों को उठाया और उन्हें पुलिस चौकी ले गई।
आरोप है कि लड़कियों के कपड़े तक उतरवाये गये और उन्हें पीटा गया। गाँव पर जब पुलिस का दबाव बढ़ा तो गाँव के दलित परिवार ने अपनी लड़कियों को लेकर बुटाना पुलिस चौकी पहुँचीं और बताया कि ये दोनों बहने उस रात मौक़े पर थीं। इनमें से एक नाबालिग़ है। अमित उनका दोस्त था और उनमें से एक के साथ इसकी शादी भी होने वाली थी। पुलिस ने दोनों लड़कियों को हिरासत में ले लिया और उनकी माँ को भेज दिया। कई दिन बाद दोनों को गिरफ्तार कर इस केस में फँसा दिया गया। लेकिन उनके साथ बुटाना पुलिस चौकी में दहलाने वाली घटनाएँ हुईं।
हाईकोर्ट के जाने माने एडवोकेट राजविन्दर सिंह बैंस के जरिए दोनों दलित लड़कियों में से एक की माँ ने अदालत में दाखिल याचिका में कहा कि जिन दो पुलिसकर्मियों की हत्या की बात कही गई है, दरअसल उन दोनों ने दोनों लड़कियों को अमित के साथ देखकर कहा था कि उन्हें पुलिस वालों के हवाले कर दे। अमित ने इसका विरोध किया। दोनों पुलिसकर्मियों ने जब लड़कियों से ज़बरदस्ती करनी चाही तो अमित ने चाक़ू से उनका बचाव करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों पर वार किये। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नाबालिग़ दलित लडक़ी और उसकी बहन से 10-12 पुलिस वालों ने कई दिन तक गैंगरेप किया। फिर उन्हीं को हत्या का मुलजिम बना दिया गया। उनके प्राइवेट पार्टस में बोतल घुसेड़ी गई।
घटना के विरोध में जब छात्र और नागरिक संगठनों ने प्रदर्शन किया तो राज्य महिला आयोग के हस्तक्षेप पर सोनीपत के महिला थाने में पुलिस वालों के खिलाफ गैंगरेप की एफआईआर दर्ज की गई। इसमें तीन पुलिस वालों के नाम हैं। लेकिन सोनीपत पुलिस ने नामज़द आरोपी पुलिसवालों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। अदालत से माँग की गई है कि उन लड़कियों को फ़ौरन रिहा किया जाए और फेक एनकाउंटर व गैंगरेप मामले की जाँचकर उन पर कार्रवाई की जाए।
ग़ुस्से में नागरिक संगठन
न्याय की आवाज़ उठाने गली-गली घुमे छात्र एकता मंच के सदस्य और साथी
बुटाना गैंगरेप मामले में नागरिक संगठन अभी भी ग़ुस्से में हैं। हरियाणा के तमाम छात्र और नागरिक संगठनों की कमेटी ने ‘जस्टिस फ़ॉर बुटाना कस्टोडियल गैंगरेप विक्टिम’ का गठन कर 10 नवम्बर को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस मुद्दे पर छात्र संगठन के अंकित और प्रवेश कुमारी बेहद सक्रिय हैं और लगातार आंदोलन चला रहे हैं।
इस कमेटी की माँग है कि दोनों दलित लड़कियों की मेडिकल जाँच एम्स या पीजीआई चंडीगढ़ से कराई जाए, आरोपी पुलिसवालों को गिरफ्तार किया जाए और घटना की जाँच हाईकोर्ट के किसी जज से कराई जाए।
भीम आर्मी का अजीबोगऱीब रवैया
भीम आर्मी का रवैया इस मामले में बड़ा ही अजीबोगऱीब है। एक तरफ भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर ने 31 अक्टूबर को अपनी बरोदा चुनावी रैली में बुटाना कांड का कई ज़िक्र नहीं किया। दूसरी तरफ भीम आर्मी हरियाणा ने हरियाणा सरकार को इस मामले में सात नवम्बर तक का अल्टीमेटम दिया था। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह नौटियाल ने हाल ही में फ़ेसबुक लाइव में इस घटना को लेकर ईंट से ईंट बजाने की धमकी दोहराई है। प्रदेश संगठन ने दस नवम्बर के प्रदर्शन को भी समर्थन दिया है।