हरियाणा में न तो छोरी बचाई जा रही, न पढ़ाई जा रही…

हरियाणा में न तो छोरी बचाई जा रही, न पढ़ाई जा रही…
November 10 02:58 2020

 

यूसुफ किरमानी

क्या भारत में हिन्दू और मुसलमान के बालिग लडक़े लड़कियां अब आपस में मोहब्बत नहीं कर पायेंगे? ‘लव जिहाद’ पर यूपी और हरियाणा से लेकर केंद्र सरकार की कोशिशें तो यही बता रही हैं। लेकिन सरकार के ही आंकड़े बता रहे हैं कि हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसे रोकने के सारे करतब नाकाम हो गए हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जौनपुर में 31 अक्टूबर को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि “अगर लव जिहाद वाले नहीं सुधरे तो उनके रामनाम सत्य की यात्रा निकाली जाएगी।” ‘रामनाम सत्य  है’ आमतौर पर किसी शव यात्रा के समय बोला जाता है। ये वही योगी हैं जिन्होंने 2017 में रोमियो स्क्वॉड बनाने की घोषणा की थी। यह दस्ता उन युवक-युवतियों पर नजर रखने को बनाया जाना था जो पार्कों या रेस्तरां वगैरह में बैठकर अपने इश्क का इजहार करते हैं। लेकिन रोमियो स्क्वॉड को कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन अब योगी लव जिहाद से दो-दो हाथ करने का संकल्प दोहरा रहे हैं।

योगी ने लव जिहाद के खात्मे की बात दरअसल 26 अक्टूबर को हरियाणा के बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) में 21 साल की कॉलेज छात्रा निकिता तोमर की कॉलेज के पास सरेआम हत्या पर कही। इसका वीडियो वायरल हुआ था। कॉलेज छात्रा की हत्या का आरोप निकिता के दोस्त एक मुस्लिम युवक तौसीफ पर है, जिसे फरीदाबाद पुलिस ने घटना के पांच घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिया। इस पर एसआईटी बन चुकी है और फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की बात भी चल रही है। दक्षिणपंथी संगठनों ने घटना के फौरन बाद इसे लव जिहाद बताया। राजनीति से भी जोड़ा। हालांकि पुलिस रेकॉर्ड के मुताबिक लडक़ी के अपहरण की एफआईआर 2018 में दर्ज कराई गई थी। जिसमें आरोपी यही तौसीफ था लेकिन निकिता के माता-पिता का उससे बाद में समझौता हो गया और शिकायत वापस ले ली गई थी।

योगी के बयान के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 1 नवंबर को ट्वीट किया कि “हरियाणा में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने पर विचार हो रहा है। इसका इलाज जरूरी है ताकि हिन्दू लड़कियों को बचाया जा सके।” लेकिन इस मुद्दे पर ज्यादा रोशनी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डाली। उन्होंने विज के ट्वीट के कुछ देर बाद 1 नवंबर को ही चंडीगढ़ में कहा “लव जिहाद पर केंद्र सरकार भी कानून बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि निकिता तोमर का मामला लव जिहाद से जुड़ गया है तो केंद्र और हरियाणा दोनों ही इस कानून पर विचार कर रहे हैं। ताकि कोई निर्दोष न फंसे और दोषी बच नहीं सके।”

खट्टर जहां इस संबंध में केंद्र द्वारा कानून बनाने पर विचार करने की बात कह रहे हैं, वहीं केंद्र ने इसी साल फरवरी में संसद को बताया  कि ‘लव जिहाद’ किसी भी मौजूदा कानून में परिभाषित नहीं किया गया है। इस संबंध में किसी भी केंद्रीय एजेंसी को कोई केस भी नहीं मिला है। खट्टर के बयान के बाद केंद्र सरकार ने इस लेख के लिखे जाने तक लव जिहाद पर स्थिति साफ नहीं की है।

हरियाणा वह राज्य है जहां नारा दिया गया है, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’। लेकिन जब महिला-पुरुष के अनुपात की बात होती है तो हरियाणा की स्थिति सबसे खराब है। हरियाणा-पंजाब के प्रमुख अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ने 11 अगस्त 2020 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमें कहा गया है कि जुलाई 2020 तक हरियाणा में 1000 पुरुषों पर 914 महिलाएं हैं। लेकिन 2019 में यही लिंगानुपात 1000 पर 923 महिलाओं का था। यानी 2020 में गिरावट दर्ज की गई। हरियाणा में भू्रण हत्या के खिलाफ सख्त कानून है लेकिन राज्य में भू्रण हत्या रुक नहीं पा रही है यानी बेटियां बच नहीं पा रही हैं। सरकार का ध्यान इन बेटियों के बचाने पर नहीं है। विपक्षी दल कांग्रेस इस पर सवाल उठाती रही है। लड़कियों की कमी के चलते दूसरे राज्यों से पैसे से खरीद कर महिलाओं को हरियाणा में बेचे जाने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

एक तरफ तो हरियाणा असमान लिंगानुपात से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ महिला विरोधी अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड  में फरवरी 2020 में प्रकाशित रिपोर्ट में हरियाणा के रहने वाले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का एक ट्वीट है, जिसमें कहा गया है कि हरियाणा में हर 24 घंटे में चार रेप, तीन हत्याएं, 10 अपहरण और पांच बच्चों के साथ यौन अपराध होता है। सुरजेवाला के इस आरोप की पुष्टि खुद गृह मंत्री अनिल विज ने फरवरी 2020 में विधानसभा सत्र के दौरान की। इसी रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने सदन को बताया कि 2018 के मुकाबले 2019 में हरियाणा में महिला विरोधी अपराध और हत्या की घटनाएं बढ़ी हैं। विज ने विधानसभा को बताया कि हरियाणा में महिला विरोधी अपराध के 4868 मामले दर्ज किए गए। 2018 के मुकाबले 2019 में 17.27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हत्या के मामलों में भी 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

हरियाणा महिला आयोग ने लॉकडाउन के दौरान महिला विरोधी अपराधों के आंकड़ों पर अध्ययन किया। आयोग की चेयरपर्सन प्रीति भारद्वाज ने 4 मई 2020 को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि 22 मार्च से लेकर 28 अप्रैल 2020 तक महिला विरोधी अपराधों में 78 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन प्रीति भारद्वाज इस बात पर खुश हैं कि जब इसी अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर महिला विरोधी अपराधों में 92 फीसदी का इजाफा हुआ है तो हरियाणा में यह फिर भी 78 फीसदी है। हालांकि मुख्यमंत्री खट्टर कहते हैं कि जब से राज्य में महिला थाने खुले हैं, तब से यह आंकड़ा बढ़ रहा है।

इससे पहले 2018 में नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले दो साल में यानी 2016 से हरियाणा में महिला विरोधी मामलों में 45 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। राज्य में भाजपा की सरकार 2014 में बनी थी। इस तरह 2018, 2019 और 2020 में राज्य में महिला विरोधी अपराध के आंकड़े बेतहाशा बढ़ रहे हैं।

महिला विरोधी अपराधों में पुलिस वालों तक के शामिल होने के आरोप हैं। सोनीपत के बुटाना पुलिस चौकी में दलित किशोरी के साथ 10-12 पुलिस वालों के गैंगरेप का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। यह घटना दब गई थी लेकिन हरियाणा के एक साप्ताहिक अखबार ‘मजदूर मोर्चा’ ने इस मामले को पुलियिा कहानी से अलग एंगल कवर करते हुए सबसे पहले उठाया। उसकी टीम ने जाकर वहां मामले की पड़ताल की। अब चंडीगढ़ के एनजीओ ‘बेखौफ आजादी’ और भीम आर्मी हरियाणा ने इस पर आंदोलन छेड़ दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच के करने के लिए बुटाना जा पहुंची। इस मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में लडक़ी की मां ने याचिका भी दायर कर दी है। बुटाना में 29 जून की रात दो पुलिस वालों की हत्या कर दी गई। हरियाणा सरकार ने इन्हें फौरन शहीद घोषित कर दिया। अगले दिन हरियाणा पुलिस ने जीन्द में अमित नामक युवक का कथित एनकाउंटर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बुटाना गांव में कई परिवारों की लड़कियों को उठाकर चौकी में ले जाकर पूछताछ की। पुलिस को उन दो चचेरी बहनों की तलाश थी जो अमित की दोस्त थीं और उस रात पुलिस वालों की हत्या की चश्मदीद भी थीं। पुलिस का आरोप है कि दोनों पुलिस वालों की हत्या अमित ने की थी और ये दोनों चचेरी बहनें उसमें शामिल थीं। पुलिस ने जब बुटाना में दबिश देना जारी रखा तो दोनों लड़कियों के घर वालों ने उन्हें पुलिस के सामने पेश किया। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें अवैध रूप से कई दिनों तक चौकी में रखा और बारी-बारी से नाबालिग किशोरी से गैंगरेप किया। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले को हर स्तर पर दबाने की कोशिश की गई लेकिन मीडिया की सजगता से सारा मामले सामने आ चुका है।

हरियाणा सरकार इस मामले में जब आलोचना और प्रदर्शनों का सामना कर रही थी तो इसी दौरान बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की हत्या हो गई और उस मामले में लव जिहाद एंगल उछाल दिया गया। दक्षिणपंथी संगठन आये दिन अपनी ही पार्टी वाली सरकार के राज में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। नैशनल हाईवे रोक रहे हैं। उनकी मांग है कि गिरफ्तार आरोपी तौसीफ को फांसी दी जाए, विकास दूबे जैसा एनकाउंटर कर दिया जाए। अब 5 नवंबर से हरियाणा विधानसभा का

सत्र शुरू होने वाला है तो बुटाना कांड का सामना बल्लभगढ़ के कथित लव जिहाद कांड से करने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

(वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक)

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