फरीदाबाद (ममो): निकिता को न्याय दिलाने के नाम पर बल्लभगढ़ स्थित अपना घर सोसाइटी पर विभिन्न हिंदुत्ववादी दलों ने पिछले कई दिनों से बवाल काटा हुआ है। इसी क्रम में बल्लभगढ़ दशहरा ग्राउंड में एक महापंचायत का आयोजन विभिन्न हिंदुत्ववादी संगठनों ने किया। पंचायत ने धीरे-धीरे दंगे का रूप ले ही लिया था कि पुलिस प्रशासन ने आनन-फानन में लाठीचार्ज करके स्थिति को फिलहाल संभाल लिया, पर इस हंगामे की कवायद कई दिनों से लिखी जा रही थी।
सोशल मीडिया के चैनल ‘हरियाणा अब तक’ पर एक विडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे एक व्यक्ति किसी चैनल को अपनी बाइट्स में मुस्लिम समुदाय को सूअर और अन्य अपशब्दों के साथ संबोधित कर रहा है। यह व्यक्ति दावा भी कर रहा है कि या तो प्रशासन अपना घर सोसाइटी में रहने वाले मुसलमानों को खत्म कर दे वरना हम जबरन उन्हें यहाँ से निकाल देंगे। इतना ही नहीं यह व्यक्ति दावा कर रहा है कि सोसाइटी के प्रधान को जब उसने बुला कर मुस्लिम लोगों को इस कॉलोनी से निकलने की बात कही तो प्रधान ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सोसाइटी में 25 घर मुस्लिमों के हैं और उन्हें वो10 दिन में निकाल देगा। ऐसा न होने की स्थिति में तिलकधारी युवक प्रशासन को ही चुनौती दे रहा है।
पुलिस प्रशासन की असफलता का आलम यह है कि जब इस विडियो के बारे में थाना मुजेसर के एसएचओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें आजतक इसकी कोई जानकारी ही नहीं है। जबकि यह विडियो महापंचायत होने के पहले से ही सोशल मीडिया में घूम रही है। इसी का नतीजा है कि प्रशासन की अनुमति के बिना होने वाली इस अवैध महापंचायत के बाद अचानक कुछ दंगाई सडकों पर मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों को निशाना बनाने लगे। अब पुलिस ने खुद यह माना है कि यह उपद्रव पहले से प्लान था और इसके लिए कई व्हाट्सएप्प गु्रपों का इस्तेमाल किया गया है। बताते चलें कि ऐसे ही व्हाट्सएप्प गु्रपों का इस्तेमाल उत्तरी दिल्ली दंगों के दंगाइयों ने अफवाहें और नफरत फैलाने के लिए किया था जबकि पुलिस मूक दर्शक बनी रही। नतीजा एक वीभत्स दंगे के रूप में सामने आया।
निकिता को न्याय दिलाने के नाम पर दंगे कराने की कोशिश करने वाले तरह-तरह के हिंदुत्व, जातिवादी संगठनों के इस व्यवहार की आलोचना खुद निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने भी की। उन्होंने इलाके के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा के साथ किये गए अभद्र व्यवहार को भी गलत बताते हुए इस मामले पर गन्दी राजनीति न करने का आग्रह किया। पूरे मामले में पुलिस ने पांच घंटों में ही आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त को पकड़ कर जेल भेज दिया। पर दंगे करवाने को लालायित ये छद्म न्यायप्रिय जातिवादी संगठन किसी भी तरह से मुद्दे को हिन्दू-मुसलमान करने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।
इलाके के आरडब्लूए के प्रधान हवा सिंह से वीडियो में उनका नाम आने और मुस्लिमों का घर खाली कराने के आरोप को खारिज करते हुए इस बात का खंडन किया कि ऐसी कोई भी बात उन्होंने किसी से नहीं कही और विडियो में वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है। आरडब्लयूए के एक अन्य सदस्य से जब यह पूछा गया कि यदि तौसीफ ने अपराध किया है तो उसमे अपनाघर सोसाइटी में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों का क्या दोष तो इसपर उन्होंने साफ-साफ न कहकर घुमा फिरा कर जवाब दिया कि यदि मुस्लिम इलाके में हिन्दू लडक़े ने ऐसा अपराध किया होता तो वे लोग भी हिन्दुओं के प्रति ऐसी ही भावना रखते। सोसाइटी के अधिकतर लोगों का मानना था कि बाहरी लोगों ने आकर इस मामले को धार्मिक रंग दिया है। इलाके के लोगों की सहानुभूति लडक़ी के परिवार के साथ है पर इसमें सभी मुस्लिमों को दोषी ठहराना शुद्ध राजनीति है जिसे सोसाइटी के ज्यादातर लोग समझते हैं।
बता दें कि तौसीफ नामक युवक ने 26 अक्टूबर को निकिता को बल्लभगढ़ स्थित कालेज के बाहर गाडी में जबरन बैठाने का प्रयास किया और असफल होने पर उसे गोली मार दी। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उसी दिन तौसीफ को नूंह से गिरफ्तार कर लिया। घटना में पुलिस के द्वारा तुरंत कार्यवाही करने के बावजूद हिंसा फैलाने के लिए कुछ संगठन लगातार मामले को हिन्दू बनाम मुस्लिम का रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। फरीदाबाद पुलिस के द्वारा ऐसे हिसात्मक और नफरती बयान देने वालो को खुलेआम ऐसा करने देना शहर की शांति व्यवस्था के लिए बहुत बड़ा खतरा है।