आईजी प्रॉपर्टी डीलिंग में व्यस्त… व्यवसायी लुटेंगे और जिंदा जलेंगे…

आईजी प्रॉपर्टी डीलिंग में व्यस्त… व्यवसायी लुटेंगे और जिंदा जलेंगे…
October 12 07:38 2020

 

हिसार (म.मो.) बेहद सनसनीखेज लगता है कि पुलिस जिला हांसी के थाना सदर क्षेत्र में 7 अक्टूबर को एक व्यवसायी से न केवल ग्यारह लाख रुपये लूट लिये गये बल्कि उसे, उसी की कार में बंद करके जिंदा जला भी दिया गया। तो क्या हुआ, ऐसे अपराध तो आये दिन होते ही रहते हैं। पुलिस अपना काम कर रही है। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अपराधियों की तलाश जारी है, जब कभी पकड़े जायेंगे तो अदालत में पेश कर दिये जायेंगे, जो होगा सो देखा जायेगा।

दरअसल आम आदमी के खून पसीने की कमाई पर पलने वाली पुलिस का अब यही काम तो रह गया है जिसे वह पूरी मुस्तैदी से कर रही है, उसके बाद भी कोई लुटता है तो लुटे, पिटता है तो पिटे, जिंदा या मुर्दा जलता है तो जले पुलिस बेचारी क्या करे। वह किस-किस को सुरक्षा दे सकती है? सबसे पहले तो उसे अपने आपको ही सुरक्षा देनी होती है, एक-एक अधिकारी की सुरक्षा में दसियों-बीसियों पुलिसकर्मी लगे है, सैकड़ों की संख्या में सीएम, दर्जनों की संख्या, मंत्रियों व चार-छह सिपाही तो हर विधायक की किलेबंदी में लगे हैं। इसके अलावा सैकड़ों पुलिसकर्मी अफसरशाहों व अन्य कई तरहके मौसमी व अर्जी-फर्जी नेताओं की सुरक्षा में तैनात है।

ऐसे में फिर आम जनता की सुरक्षा तो भगवान के ही भरोसे रहेगी न। इसलिये भाजपा एवं संघ भगवान और उसके मंदिरों पर आस्था बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। परन्तु मजे की बात यह है कि ये नेतागण अपनी खुद की सुरक्षा के लिए भगवान के भरोसे नहीं रह सकते, इस तरह का भरोसा तो केवल आम आदमी  के लिए छोड़ा गया है अथवा यूं कह लीजिये कि सवारी अपने सामान की खुद जिम्मेदार है।

हिसार रेंज के आईजी संजय कुमार अपने दायित्व के प्रति कितने भ्रष्ट हैं, इसका उल्लेख मजदूर मोर्चा के 13 से 19 सितम्बर के अंक में किया जा चुका है। सरकार ने उनकी तैनाती हिसार रेंज की पुलिस का नेतृत्व एवं मार्गदर्शन करने के लिए कर रखी है ताकि जनता को बेहतरीन सुरक्षा प्रदान की जा सके। लेकिन उनकी आत्मा फरीदाबाद में ही भटकती रहती है। उनका परिवार भी फरीदाबाद पुलिस के ही एक सरकारी आवास में डटा है जिसकी सेवा में हिसार पुलिस की दो गाडिय़ां ड्राइवर व सात पुलिसकर्मी तैनात हैं। अपने परिवार से मिलने के बहाने सप्ताह में दो-तीन बार तो आईजी साहब फरीदाबाद में ही रहते हैं। दरअसल यहां इनका प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा भी अच्छा-खासा चल रहा है।

समझने की बात यह है कि जो ऊर्जा व संसाधन संजय कुमार अपने निहित स्वार्थो की पूति हेतु बर्बाद करने में जुटे है यदि उसे अपने क्षेत्र की जनता की सुरक्षा के लिए खर्च करते तो ज्यादा नहीं तो कुछ न कुछ अपराध तो नियंत्रण में आता। दूसरी चुभने वाली बात यह भी है कि संजय कुमार का सारा कच्चा चि_ा प्रदर्शित होने के बावजूद सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। इससे यह समझा जा सकता है कि आईजी संजय जो सरकारी संसाधनों की ऐसी-तैसी करते हुए प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा कर रहे हैं, उसमें खट्टर सरकार एवं गृहमंत्री अनिल विज की स्वीकृति है।

पांच-दस हजार की रिश्वत लेने वाले सिपाही हवलादार को तो सरकार गिरफ्तार कराती फिर रही है और जो खुलेआम मोटी डकैतियां मार रहे हैं उन्हें पूछती तक नहीं। दरसअल खुद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार को भी तो संजय जैसे कमाऊ पूत की जरूरत रहती है। रही बात सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की तो, कोई एक-आध संजय हो तो सरकार कुछ रोक-टोक भी करे परन्तु यहां तो लगभग सभी संजय बने हुए हैं। ढूढऩे पर बमुश्किल कोई इक्का-दुक्का अफसर ही मिलेंगे जो सरकारी संसाधनों का बेरहमी से दुरुपयोग नहीं कर रहे। ऐसे में भला खट्टर एवं विज किसी का क्या बिगाड़ सकते हैं।

कुल मिलाकर आज पुलिस भी दो तरह की बन कर रह गयी है, एक तो वह जिसका काम है लोगों को हर प्रकार की सुरक्षा देना।

इन लोगों में केवल शासक वर्ग से जुड़े लोग ही शामिल रहते हैं, हां सत्ता परिवर्तन के साथ इनमें थोडृा बहुत हेर-फेर जरूर होता रहता है, दूसरी वह पुलिस है जो लोगों के लुटने, पिटने व मरने के बाद उन्हें अपने कागजात में दर्ज कर लेती है। इन लोगों में वह तमाम निरीह लोग आते है जिसे जनता जनार्दन कहा जाता है और पूरा तंत्र जिसके नाम पर चलाया जाता है। कुछ बेचारे तो इतने बदनसीब बना दिये जाते हैं कि वे तबाह हो चुकने के बावजूद पुलिस कागजात तक में जगह नहीं बना पाते।

 


 

  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles