फरीदाबाद (म.मो.) हरियाणा सरकार द्वारा सभी संपत्तियों का पंजीकरण ऑनलाइन कर दिया गया है। लेकिन इस कार्य के लिए 22 जुलाई से आज 1 सितंबर तक कोई भी पंजीकरण नहीं हो पाया। और इसका कारण सॉफ्टवेयर में डेवलपमेंट एवं अपडेशन बताया गया था। पिछले 3 दिनों से हजारों लोग परेशान हैं। और लगातार तहसील कार्यालयों में चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन उन्हें इस विषय में विभाग से या कहीं और से कोई भी सही जानकारी नहीं दे रहा है। सरकारी तौर पर तो बिल्कुल ही गुमराह व इरिटेट करने वाला जवाब दिया जाता है कि, हमें कुछ नहीं पता जो कुछ है आप किसी साइबर कैफे पर जाकर पता करवा लो।
निकम्मे खट्टर सरकार और उसके अफसरों के निकम्मेपन के बारे में निगम के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण करने की ट्रेनिंग पूरी तरह उन्हें अभी तक नहीं दी गई है। खट्टर सरकार ने डिजिटल के नाम पर प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जो ऑनलाइन साइट बनाई है, उसमें प्रॉपर्टी का आईडी डालना जरूरी किया गया है पर जिन प्लॉटों पर भवन निर्माण हो चुका है और हाउस टैक्स लागू है, केवल उन्ही की प्रॉपर्टी आईडी, नगर निगम विभाग द्वारा अभी 40 से 65 परसेंट तक तैयार की गई है। बाकी सभी कार्य बकाया हैं और इन्हें भी अभी तक तहसील कार्यालयों की आईडी से नहीं जोड़ पाए हैं। इस वजह से एक भी टोकन आज तक जारी नहीं हो पाया है।
लेकिन जिन प्लॉटों पर अभी तक भवन निर्माण कार्य नहीं हुआ है, उन खाली प्लॉटों की प्रॉपर्टी आईडी कौन बनाएगा, कब बनाएगा, और कैसे बनेगी, उन खाली प्लॉटों की सेल परचेज का कार्य कब तक रुका रहेगा। फरीदाबाद स्टेट्स एजेंट वेलफेयर असोसियेशन के महासचिव गुरमीत देओल ने बताया कि इस विषय में सही जानकारी देने वाला सरकार का कोई भी नुमाइंदा मौजूद नहीं है और तो और सॉफ्टवेयर में आ रही समस्याओं का निदान करने वाला भी कोई नहीं। उन्होंने कहा कि परेशानी की हालत में लोगों को सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ सकता है। जिसकी सारी जिम्मेदारी स्वयं जिला प्रशासन की होगी।
देओल ने बताया कि जिन सेक्टरों को अभी हुड्डा द्वारा नगर निगम को नहीं दिया गया है उन क्षेत्रों में सभी विकास कार्य हुड्डा द्वारा ही कराए जाते हैं और सभी सुविधाएं हुड्डा ही देता है। ऐसे सेक्टर में नगर निगम का कोई रोल नहीं है और ऐसे सेक्टरों के प्लाट धारकों को नगर निगम से नोड्यूज लेने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। जैसे कि सेक्टर 62,64, 65 : इन सेक्टरों में खाली प्लाटों को खरीदते समय नगर निगम में कोई प्रॉपर्टी आईडी नहीं बन सकती क्योंकि उन प्लाटों का नगर निगम से कोई संबंध नहीं होता।
इसके बावजूद बेवजह तहसीलों में ऐसे क्षेत्रों के खाली प्लॉटों की रजिस्ट्री करने में देरी की जा रही है और लोगों को बहुत परेशान होना पड़ रहा है। रजिस्ट्री में देरी होने के कारण किसी के एग्रीमेंट की डेट भी निकल सकती है, खरीदार और विक्रेता के बीच में डिस्प्यूट भी बन सकता है, किसी की हुड्डा में परमिशन का टाइम भी निकल सकता है, एफटीएल मिलने में देरी हो सकती है किसी को बैंक से लोन लेना है किसी को अपना मकान शुरू करना है जैसी बहुत सारी दिक्कतें है जो लोगों को हो रही हैं और जो नाजायज हैं।
गुरमीत देओल ने इस बाबत उपायुक्त फऱीदाबाद को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की, कि सिर्फ नगर निगम में आने वाली कॉलोनियों और नगर निगम के अधीन आए हुए सेक्टरों के प्लॉटों की ही आईडी नगर निगम द्वारा तैयार की गई है या की जा सकती है इस पर तुरंत ध्यान देकर रजिस्ट्री के सिस्टम को तुरंत चालू करने की जरूरत है।