जेल में बंद वरिष्ठ वकील
ओपी शर्मा को पत्नी शोक
सरकारी रवैया शर्मनाक, अंत्येष्टि की छूट नहीं दी
फरीदाबाद (म.मो.) सीनियर एडवोकेट और हरियाणा एंड पंजाब बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा की पत्नी का 2 सितम्बर को फरीदाबाद में निधन हो गया। एडवोकेट शर्मा इस समय किसी मामले में जेल में बंद हैं।
हरियाणा सरकार और प्रशासनिक अफ़सरों ने राजनीतिक दबाव और प्रभाव के कारण एडवोकेट शर्मा को अपनी पत्नी की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए घंटे भर की भी इजाजत नहीं दी गई।
संविधान तो कहता ही है और इस देश की सामाजिक व धार्मिक परंपराएं भी कहती हैं कि अंतिम समय में खून के रिश्ते में मिलने का कानूनी अधिकार है। जिसका इस मामले में सरासर उल्लंघन हुआ। परिवार वालों की कोशिशों के बाद भी शर्मा जी को इजाजत नहीं दी गई। सभी नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों से परिवार ने गुहार लगाई परंतु ना कोई नेता काम आया ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन होने के अलावा गंभीर चिंतनीय विषय भी है। राजनीतिक द्वेष के कारण बदले की भावना से ऐसी घिनौनी हरकत की गई।
हरियाणा में एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा सच्चाई के लिए सत्ता से टकराते रहे हैं। चाहे वो भजनलाल हों या मनोहर लाल की सरकार किसी ने शर्मा जी को पसंद नहीं किया। यही वजह है कि परिस्थितियाँ उनके लिए हमेशा प्रतिकूल रहीं। लेकिन राजनीतिक दुश्मनी को ताक पर रख कोई सोचे कि अंतिम समय में कोई पति अपनी पत्नी की अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सके…कितनी नीच हरकत है। एडवोकेट ओम प्रकाश शर्मा क्या आतंकी हैं या नक्सलाइट हैं?