फरीदाबाद (म.मो.) बीते रविवार 16 अगस्त को सुबह-सवेरे नगर निगम के जेई एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह को सूचना मिली कि एनएच-2 स्थित तिकोना पार्क की स्कूल वाली साइड की तरफ बने एक पार्क की ग्रिल एवं दीवार तोडक़र एक 12फुट 310 फुट का टीन का खोखा रखा जा रहा है। यह वही जगह है जहां नगर निगम की अनुमति से वीटा दूध का बूथ बना हुआ है। समझा जा रहा है कि जेई को सूचना भी इसी बूथ वाले ने ही दी थी। खैर, सूचना पाते ही जेई ने अपने एक बेलदार को मौके पर भेजा तो वहां दीवार तोडऩे का काम हरिकिशन वर्मा अपनी लेबर से करवा रहा था बेलदार ने जब उन्हें काम करने से मना किया तो वर्मा ने उसे धमका दिया। धमकाते वक्त वर्मा की पैंट की जेब में रखा पिस्टल भी नजर आ रहा था।
डरे हुए बेलदार ने तुरन्त अपने जेई को सूचित किया तो जेई मौके पर पहुंच गया। उन्होंने भी वर्मा को अवैध कब्जा करने से मना किया तो वह जेईपर गुर्राया, जेई की हैसियत को चैलेंज करते हुए काम जारी रखा और पिस्टल तो जेब से झांक ही रही थी। स्थिति को भांपते हुए जेई ने थाना केतवाली को फोन किया तो पुलिस चौकी नं. 2 से इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गये। इस बीच वर्मा ने अपने इलाके के पार्षद मनोज नासवा को बुला लिया। नासवा ने जेई से कहा कि आओ बैठकर बातचीत कर लें। जेई ने साफ कहा कि बातचीत तो हुई पड़ी है, वह ये अवैध कब्जा नहीं होने देगा, इसमें और किसी बातचीत की गुंजाइश नहीं है। जेई ने साफ कहा कि बातचीत तो हुई पड़ी है, जेई का खरा जवाब सुनते ही पार्षद साहब की तो उन सब लोगों के सामने बेइज्जती हो गयी जिन्हें वे अपने समर्थन में जुटा कर लाये थे, खासकर उस महिला मीनू गुलाटी के सामने जिसके लिये बूथ लगवाया जा रहा था।
गुस्से से बिलबिलाते पार्षद ने जेई पर तीखी तानाकशी करते हुए एवं सडक़ की दूसरी ओर (ब्राउन बावेरी कालोनी की जगह) बनी भव्य बहुमंजिला बिल्डिंगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पैसा खाकर ये बिल्डिंग कैसे बनवा दी? जेई ने तपाक से कहा कि ये सब करामात आपके भाई की हैं जिन्होंने ठेके लेकर ये बिल्डिंगे बनवाई थीं। विदित है कि पार्षद का भाई पदम भूषण उस समय इस इलाके का एसडीओ था। यह सब सुनकर तो पार्षद बुरी तरह से तिलमिला गया। इतना सुनते और वह भी जेई जैसे एक छोटे से कर्मचारी के मुंह से पार्षद की रही सही मिट्टी भी पलीत हो गयी।
इसमें कोई शक नहीं है कि पार्षद की बेइज्जती तो खूब टिका कर हो गयी। लेकिन इसके लिये वे खुद दोषी हैं न कि जेई सुमेर सिंह, उन्होंने तो वही काम किया था जिसके लिए सरकार ने उन्हें रखा हुआ है, बल्कि छुट्टी वाले दिन भी अपनी ड्यूटी करके अवैध कब्जे को रोका तथा जेसीबी मशीन बुलाकर उस खोखे को तुड़वा दिया जिसे वर्मा व पार्षद ने वहां से उठाने से इंकार कर दिया था। ऐसे में अपनी ‘इज्जत’ को बहाल कराने के लिए पार्षद अपने लगुए-भगुओं को लेकर निगमायुक्त के आवास पर धरने की नौंटंकी करने पहुंच गये। आयुक्त महोदय ने भी जांच करने की मीठी गोली देकर उन्हें ‘बाइज्जत’ चलता कर दिया।