गौरक्षक बने एक लुटेरा गिरोह ने बीते शुक्रवार लुकमान नामक एक मीट व्यापारी का पीछा कर, उसका अपहरण किया और बहुत बेरहमी से पीटा। पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो खुद भी पिटी।

गौरक्षक बने एक लुटेरा गिरोह ने बीते शुक्रवार लुकमान नामक एक मीट व्यापारी का पीछा कर, उसका अपहरण किया और बहुत बेरहमी से पीटा। पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो खुद भी पिटी।
August 15 06:13 2020

रंगदारी के लिए मीट व्यापारी पर जानलेवा हमला, गौ गुंडे पुलिस से भी बेखौफ भिड़े

गुडग़ांव (म.मो.) संघ एवं भाजपा से प्राप्त दीक्षा एवं प्रेरणा पाकर गौरक्षक बने एक लुटेरा गिरोह ने बीते शुक्रवार लुकमान नामक एक मीट व्यापारी का पीछा कर, उसका अपहरण किया और बहुत बेरहमी से पीटा। पुलिस ने उन्हें रोकना चाहा तो खुद भी पिटी।

लुकमान नूंह जि़ले के गांव घासेड़ा से नियमित भैंस का मीट सप्लाई करने का काम करता है। इस शहर के कई बड़े-छोटे होटल व ढाबे उसके नियमित ग्राहक हैं। गौरक्षकों के वेश में गुंडों का एक गिरोह कुछ अर्से से उस पर नज़र बनाये हुए था। उस दिन मोटर साइकिल सवार पांच गुंडों ने उसे वाटिका चौक पर रोकने का प्रयास किया लेकिन लुकमान ने अपनी पिकअप ऐसी दौड़ाई कि रास्ते भर उनके काबू नहीं आया और अपनी मंजिल सदर बाज़ार तक पहुंच गया।

समय रहा होगा करीब 9 बजे का। उस वक्त बाज़ार एवं सडक़ें लगभग सूनी-सूनी सी रहती हैं। उक्त पांचों गुंडों ने लुकमान को वहां घेर लिया और उसे पीट कर गाड़ी समेत उसी तर$फ ले भागे जिस तरफ से वह आया था। जब वे थाना बादशाहपुर के इलाके में पहुंचे तो वहां नाके पर मौजूद तीन पुलिस वालों ने उन्हें रोक लिया। यहां पहुंचने तक गुंडों का यह गिरोह काफी बड़ा करीब 30-40 का हो चुका था। जाहिर है इतने बदमाशों के सामने बेचारे तीन पुलिस वालों की क्या बिसात थी; उन्होंने फिर भी यथासंभव प्रयास करने के साथ-साथ अपने एसएचओ को भी फोन कर दिया। इस रोक-रूकाई एवं छुटा-छुटाई के दौरान गुंडा गिरोह ने लुकमान को बहुत बुरी तरह से डंडों व हथोड़ों से पीटा। यदि वे तीन पुलिस वाले कुछ भी रूकावट पैदा न कर पाते तो लुकमान का वहीं काम तमाम हो गया होता; यह बात खुद लुकमान ने भी स्वीकार की है। उधर सूचना पाते ही एसएचओ ने अपना स्टाफ को आवश्यक हिदायत एवं अपने  पीछे आने का आदेश देकर बिना एक भी क्षण गंवाये जिन निजी वस्त्रों में था तुरंत अपनी निजी गाड़ी लेकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। एसएचओ को आया देख कर तीनों पुलिस कर्मियों के हौंसले भी बढ़ गये। उधर गुंडों ने भी समझ लिया कि शीघ्र ही थाने से और भी फोर्स आने वाली है। ऐसे में उन्होंने भागने में ही भलाई समझी। एक गुंडा पुलिस की पकड़ में आ गया जिसके द्वारा बाकी गुंडों का भी पता काफी हद तक लग गया। इनमें से खबर लिखे जाने तक 6 गुंडे गिरफ्तार किये जा चुके हैं।

मौके पर पहुंचे एसएचओ ने बिना कोई समय गंवाये  सुरक्षित मार्ग से लुकमान को अपनी ही गाड़ी से सोहना के अस्पताल पहुंचा कर उसका इलाज शुरू कराया व डॉक्टरी  रिपोर्ट (एमएलआर) आदि बनवाई। बाद में थाने आकर लुकमान के बयान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307,364,120 बी, 506, 148, 149 आदि के तहत  गुंडा गिरोह के खिला$फ मुकदमा नम्बर 239 दिनांकित 31 जुलाई, दर्ज किया गया। एसएचओ की बहादुरी, तत्परता एवं कत्र्तव्यपरायणता के लिये उसे कोई इनाम देना तो गया ऐसी-तैसी में, उसे सीपी ने लाइन हाजिर जरूर कर दिया। वैसे यदि एसएचओ चाहता तो वह फौरन घटना स्थल की ओर लपकने के बजाए आराम से वर्दी पहन कर अपने अमले को तैयार करता और फिर टहलता हुआ मौके पर पहुंचता, इस बीच भले ही पीडि़त मर जाता। मर जाता तो क्या फर्क पड़ता, धारा 307 की जगह 302 ही तो लगानी पड़ती। लगता है सीपी केके राव यही चाहते

होंगे।

गुंडा गिरोह ने वीडियो भी बनाया

बड़ा अजीब लगता है जब अपराधी अपने अपराध का वीडियों भी खुद ही बना कर वायरल करते हैं। दरअसल संघ एवं भाजपा द्वारा गाय के नाम पर बनाये गये उग्र माहौल में ये गुंडे मान कर चलते हैं कि उन्हें गौ रक्षा के नाम पर यह सब करने का पूरा अधिकार है और अनेक बार यह सोच सही सिद्ध भी होती रही है।

अपने इस अवैध ‘अधिकार’ का प्रयोग अब ये लोग रंगदारी वसूलने में करने लगे हैं। अब उन्हें इस बात से भी कोई सरोकार नहीं रह गया है कि मीट चाहे गाय का हो या भैंस का, बस उन्हें रंगदारी मिलती रहे। इसके लिये मीट कारोबारियों में भय पैदा करना बहुत जरूरी है। इसी भय को पैदा करने के लिये इस तरह के वीडियो बना कर वायरल किये जाते हैं। इसके द्वारा वे यह भी प्रदर्शित करते हैं कि वे हिंदू धर्म के लिये एक बहुत बड़ा काम कर रहे हैं।

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Mazdoor Morcha
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