अनिल विज हांके अपनी…दुष्यंत चौटाला करे खंडन…ये है  हरियाणा सरकार

अनिल विज हांके अपनी…दुष्यंत चौटाला करे खंडन…ये है  हरियाणा सरकार
July 18 09:50 2020

अनिल विज हांके अपनी…दुष्यंत चौटाला करे खंडन…ये है  हरियाणा सरकार

बढ़ती राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बीच जंग कोरोना से नहीं, मंत्रियों के बीच लड़ी जा रही है

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

चंडीगढ़: हरियाणा की खट्टर सरकार किस तरह काम कर रही है और उसके मंत्रियों में कितना तालमेल है, उसका ताजा नमूना हाल ही में देखने को मिला। एक तरफ हैं हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और दूसरी तरफ हैं हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला। दोनों ही मंत्री अपने बड़बोले बयानों, बिगड़े बोलों और बात कहकर मुकर जाने वाले बयानवीर मंत्रियों के रूप में नाम कमा चुके हैं।

विज का कफ्र्यू फॉर्मूला

गृह मंत्री अनिल विज एक महीना पहले घर के बाथरूम में फिसल कर अपना टांग तुड़वा बैठे थे। खैर, वो 35 दिन काम पर लौटे तो 14 जुलाई को सीधे चंडीगढ़ हरियाणा सचिवालय के अपने दफ्तर में पहुंचे और पत्रकारों को बुलवा लिया। विज ने पत्रकारों से कहा कि आप लोग कोरोना पर सवाल पूछो। पत्रकारों ने सवाल किया कि हरियाणा में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, सरकार नया क्या कदम उठाने वाली है। इस पर विज ने कहा कि दिल्ली की वजह से हरियाणा में कोरोना आ रहा है। जरुरत पड़ी तो हरियाणा सरकार फरीदाबाद, गुडग़ांव, सोनीपत और झज्जर की दिल्ली से लगती सीमाओं को सील कर देगी और कफ्र्यू लगा देगी। विज ने यह भी कहा कि इन्हीं चार जिलों में सबसे ज्यादा 80 फीसदी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। कर्फ्यू लगाकर ही इसे रोका जा सकता है। इसके बाद विज ने पत्रकारों से कहा, जाओ आप लोगों की बड़ी खबर बन गई।

यह सचमुच बड़ी खबर थी लेकिन इस खबर ने उन लाखों लोगों को निराश कर दिया जो रोजाना हरियाणा के इन चारों जिलों और दिल्ली से यात्रा करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि फरीदाबाद, गुडग़ांव और सोनीपत जिलों से यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पंजाब की कारोबारी गतिविधियों को अंजाम देने वाले ट्रक और अन्य वाहनों का सिलसिला भी रहता है। सूत्रों ने बताया कि विज के इस बयान से सीएम हरियाणा मनोहर लाल खट्टर भी नाराज हुए लेकिन वे बीमार विज को फौरन दूसरा बयान देकर परेशान नहीं करना चाहते थे। खासकर दोनों की रस्साकशी का मामला जब भाजपा आलाकमान के पास विचारधीन हो। तब इस काम के लिए मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को चुना कि वह विज का नाम लिए बिना हरियाणा सरकार की तरफ से बयान दें।

दुष्यंत से कराया विज का इलाज

दुष्यंत चौटाला ने 15 जुलाई को बयान जारी किया कि हरियाणा की दिल्ली से लगते किसी भी बॉर्डर को सील करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है और न हरियाणा सरकार कोई बॉर्डर सील करने जा रही है। चौटाला ने कहा कि यहां तक कि दिल्ली ने भी अभी तक ऐसा सख्त कदम नहीं उठाया है। उसने भी अपनी सीमा सील करने की बात नहीं कही है। दुष्यंत ने अनिल विज पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि हरियाणा में देश के किसी भी राज्य के मुकाबले कोरोना के मरीजों का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है। हरियाणा सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए बहुत अच्छे कदम उठाए हैं। चौटाला ने कहा कि बस हमें एहतियात रखना होगा और अब कोरोना के साथ ही जीना पड़ेगा।

खट्टर का जबरदस्त राजनीतिक दांव

इस बयान के बाद विज की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सूत्रों ने कहा कि विज इस बात को समझ गए हैं कि उन्हें घेरने के लिए मुख्यमंत्री ने यह बयान दुष्यंत से दिलवाया है। अगर वह चौटाला के बयान पर प्रतिक्रिया देंगे तो मामला फिर भाजपा आलाकमान के पास पहुंच जाएगा। हालांकि खट्टर और चौटाला से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अनिल विज का बतौर स्वास्थ्य मंत्री पहला बयान कोरोना से लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर आना चाहिए था, डॉक्टरों का हौसला बढ़ाने की जरूरत थी। विज हरियाणा सचिवालय न जाकर हरियाणा के किसी सरकारी अस्पताल का दौरा करना चाहिए था लेकिन विज के दिमाग में हर समय गृह मंत्री की अधूरी कुर्सी का मामला चलता रहता है। वह हर समय खुद को गृह मंत्री साबित करने में जुटे रहते हैं, जबकि सीआईडी उनसे वापस लेकर खट्टर उनके पर कतर चुके हैं।

खट्टर खेमा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का सीएम कुर्सी तक पहुंचने की बेकरारी का सपना चूर-चूर करने में हर समय लगा रहता है। यह खेमा अभी भी यह मानता है कि खट्टर की कुर्सी को अगर कोई खतरा है तो वह अनिल विज से ही है। इसलिए मनोहर लाल खट्टर ने बहुत होशियारी के साथ दुष्यंत को विज के मोर्चे पर तैनात किया है। खट्टर एक तीर से कई शिकार करना चाहते हैं। अगर विज भी दुष्यंत चौटाला से टकराते हैं तो जाहिर है कि विज का ही मंत्री पद आलाकमान छिनवा देगा क्योंकि दुष्यंत तो सरकार चलाने में साझीदार हैं। दूसरी तरफ खट्टर अपने डिप्टी सीएम को इस बात का भरोसा देते रहते हैं कि अगर विज से छुटकारा मिल गया तो गृह विभाग भी दुष्यंत को दिया जा सकता है। दुष्यंत की दिली तमन्ना पुलिस विभाग अपने अधीन लाना है। इसके लिए उन्होंने विज के मोर्चे पर तैनात होने की चुनौती स्वीकार कर ली।

view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles