सुना है कि- भारत में 87 प्रतिशत लोग कोरोना के कारण नहीं बल्कि उधारी के कारण मास्क पहन के घूम रहे हैं।  

सुना है कि-  भारत में 87 प्रतिशत लोग कोरोना के कारण नहीं बल्कि उधारी के कारण मास्क पहन के घूम रहे हैं।   
July 11 09:14 2020

अब स्कूली बच्चे नहीं पढेंगे धर्मनिरपेक्षता, नोटबंदी

सीबीएसई ने 2020-21 के लिये बोर्ड परीक्षाओं के लिये जारी पाठ्यक्रम में धर्मनिरपेक्षता,राष्ट्रवाद, नागरिकता, नोटबंदी ओर लोकतांत्रिक अधिकारों आदि विषयों को नहीं पढाने का निर्णय लिया है। 9 वीं से 12 वीं क्लास तक पढाये जाने वाले पाठों में इन विषयों से सम्बन्धित पाठों को हटा दिया गया है। इससे 30 प्रतिशत के करीब सिलेबस कम हो गया है। यह कदम कोविड-19 के चलते कम समय होने और तनाव के कारण छात्रों पर बोझ कम करने के लिये उठाया गया बताया जाता है।

धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक अधिकारों और संघवाद को न पढाने की तो बात समझ में आती है कि वर्तमान सरकार नहीं चाहती कि लोग अपने अधिकारों को जाने और संघवाद के फायदों को समझें। लेकिन नोटबंदी जैसे सफल और ऐतिहासिक कदम (भाजपा के अनुसार) को भी नहीं पढाया जाना शंका पैदा करता है कि नोटबंदी सफल नहीं बल्कि देश की बर्बादी का कदम था। इसीलिये इसको पढा कर इसकी याद दिलाना भाजपा को अपने राजनीतिक भविष्य के लिये खतरनाक लगता है।

संघवाद और हरियाणा में प्राइवेट  कारखानों में आरक्षण

हरियाणा में प्राइवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत रोजगार हरियाणा वासियों के लिये आरक्षित करने सम्बन्धि एक विधेयक आगामी मानसून सत्र में विधान सभा में पेश किया जायेगा। इस प्रस्तावित विधेयक में हरियाणा में स्थित सभी कारखानों और फर्मों, कंपनियों आदि सभी संस्थानों, जिसमें 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी हों, में नौकरियों में 75 प्रतिशत पद हरियाणा के स्थायी निवासियों के लिये आरक्षित करने का प्रावधान है। सिर्फ 50 हज़ार रुपये महीना से कम पगार वाले पदों के लिये ही यह आदेश लागू होगा। इसके उल्लंघन पर एक लाख रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है। सभी ऐसे संस्थानों को इस कानून के अन्तर्गत आने वाले पद सरकार के श्रम विभाग में पंजीकृत करवाने होंगे।

प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों से हरियाणा में भ्रष्टाचार के नये द्वार खुलना तय है। लेकिन निजी उद्योगपतियों द्वारा इसका विरोध संघवाद के खिलाफ होने के आधार पर किया जा रहा है। उनका कहना है कि भारत देश के किसी भी नागरिक को कहीं भी नौकरी या धंधा करने का अधिकार है। दूसरा उनका कहना है कि इससे उनकी कार्य-कुशलता पर असर पड़ेगा। यह दोनों ही तर्क भ्रामक है। वास्तव में यह आरक्षण मज़दूरों के शोषण को कम करेगा क्योंकि अब अखिल भारतीय स्तर से मज़दूर नहीं आयेंगे। दूसरा मान लिया एक राज्य में भ्रष्टाचार के कारण विकास कम हो रहा है तो वहां रोजगार भी कम पैदा होंगे। लिहाजा उनके मज़दूर दूसरे राज्यों में जायेंगे और कम मज़दूरी पर काम करेंगे। इससे मज़दूरों का शोषण बढता है। नये कानून से प्राइवेट सेक्टर में शोषण कम होगा और सभी राज्यों को अपने यहां रोजगार सृजन बढाना होगा। यह मज़दूरों के हित में ही होगा।

 

पाकिस्तान में मंदिर और भारत में मस्जिद ध्वंस

पाकिस्तान में कई याचिकाओं को खारिज करते हुये इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने वहां एक मंदिर निर्माण की अनुमति दे दी है। मंदिर वहां की हिंदू पंचायत नामक संस्था अपने फंड से बनवाना चाहती थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान के मुस्लिम राष्ट्र होने का हवाला देते हुए मंदिर निर्माण का विरोध किया था। कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान के संविधान में हरेक को किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता दी गई है जिसके लिये वो अपने धर्म स्थल का निर्माण कर सकता है।

एक तर$फ तो मुस्लिम राष्ट्र कहलाने वाला पाकिस्तान हिन्दू मंदिर बनाने की इजाजत देता है और दूसरी तर$फ घोषित धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र, भारत, का सुप्रीम कोर्ट संविधान में प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के बावजूद बिना किसी सबूतों के तोड़ी गई एक 500 साल पुरानी मस्जिद की जगह मंदिर बनाने का फैसला सुनाता है। क्या भारत का सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान के हाई कोर्ट के आगे बौना नहीं नज़र आने लगा है?

 

अन्तिम मिसरा

सुना है कि-

भारत में 87 प्रतिशत लोग कोरोना के कारण नहीं बल्कि उधारी के कारण मास्क पहन के घूम रहे हैं।

 

 

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