सोनीपत शराब घोटाले पर लीपा-पोती की तैयारी
चंडीगढ (म.मो.) हरियाणा में अब तक के सबसे बड़े शराब घोटाले को लेकर जिस तरह की लीपा-पोती की तैयारी में खट्टर सरकार जुटी है, उससे लगता है कि इस घोटाले में राजनेताओं सहित कई उच्चाधिकारी भी शामिल हैं।
जांच कमेटी के लिये सुझाये गये तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों, अशोक खेमका व संजीव कौशल को दरकिनार कर टीसी गुप्ता को रखा गया है। सरकार चलाने वाला खट्टर का सलाहकार गैंग बखूबी समझता है कि उक्त दोनों आईएएस अधिकारी उनके दबाव में आकर उनके मनमाफिक रिपोर्ट देने वाले नही हैं। हां टीसी गुप्ता से यह उम्मीद अवश्य की जा सकती है क्योंकि उनकी छवि पहले से ही दागदार है। गुडग़ांव ज़मीन घोटालों को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में वे पहले से ही अभियुक्त हैं। ऐसे में उन पर दबाव बनाने में सफलता प्राप्त करने में कोई दिक्कत होने वाली नहीं है।
पुलिस की ओर से इस जांच टीम में एडीजीपी सुभाष यादव को रखा गया है। पहली मई को पदोन्नत किये गये तथा 31 मई को सेवानिवृत होने वाले यादव एक बेहतरीन छवि के मालिक हैं। लेकिन सरकार चलाने वाले गिरोह को शायद यह गलतफहमी है कि वह दी गयी इस पदोन्नति तथा जांच के नाम पर मिलने वाले सेवा विस्तार के बदले उनके मनमुताबिक जांच रिपोर्ट बना देंगे। सेवा विस्तार इसलिये देना पड़ेगा क्योंकि जो जांच अभी तक शुरू ही नहीं हुई वह 31 मई तक पूरी कैसे हो सकती है? लिहाज़ा एक, दो या तीन माह तक चल सकने वाली इस जांच के लिये उन्हें सेवा विस्तार मिलना तय है। परन्तु लगता नहीं कि यादव, सरकार चलाने वाले गिरोह को उपकृत करेंगे।