अमित मालवीय और पायल रोहतगी ने मामला इतना खतरनाक कर दिया कि सारा यूएई विरोध में उतर आया है।

अमित मालवीय और पायल रोहतगी ने मामला इतना खतरनाक कर दिया कि सारा यूएई विरोध में उतर आया है।
April 26 09:22 2020

 

मोदी भक्तों ने सऊदी अरब में पीएम की करा दी थू-थू

जेद्दाह में मंदिर पर खतरे के बादल, बिजनेस प्रभावित, सोनू निगम छिपा, कई ने ट्वीट हटाए

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी को उनके भक्त अब महंगे साबित हो रहे हैं। हालात ये हैं कि जिस जेद्दाह में सऊदी अरब मंदिर बनाने की अनुमति दे चुका है, उस पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ये हुआ क्यों? प्रधानमन्त्री के चहेते सांसद, तेजस्वी सूर्या ने तारिक फ़तेह को टैग कर के अरब महिलाओं के लिए बहुत आपत्तिजनक ट्वीट किया। जिसमे उन्होंने कहा – अरबी औरतों को सैकड़ों साल से ओर्गास्म (सेक्स की आनंददायक अवस्था) नहीं हुआ है। इसी तरह भारत के नामी सिंगर सोनू निगम के खिलाफ दुबई में जबरदस्त अभियान चल रहा है। उन्हें गिरफ्तार तक करने की मांग उठी है। सोनू निगम ने एक ट्वीट में मस्जिदों से अजान पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इससे उनकी नींद में खलल पड़ता है। दुबई में सोनू निगम जैसे ही घिरे उन्होंने अपना ट्विटर एकाउंट बंद कर दिया और उसी आपत्तिजनक ट्वीट को भी हटा दिया। सोनू निगम इस समय रोजाना भाईचारा, हिंदू मुस्लिम एकता का वीडियो संदेश जारी कर रहे हैं। लेकिन उनकी सफाई किसी को पसंद नहीं आ रही है। भाजपा सांसद सुब्रामण्यम स्वामी के भी कुछ ट्वीट पर निशाना साधा गया है।

सारे अरब देशों में विरोध

ये ट्वीट और इसकी भाषा इतनी खतरनाक थी कि सारे अरब देश एकसाथ विरोध में उतर आए हैं। नूरा गुरेर, जो यूएई की एक्टिविस्ट और नेता हैं, उन्होंने सबसे पहले इस ट्वीट पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने तेजस्वी को टैग करके कहा था कि भारत में बहुत ऊँचे ऊँचे पदों पर महिलायें रही हैं, मगर आपके संस्कार औरतों की इज्ज़त नहीं सिखा सके आपको। और अगर आपको आपकी सरकार कभी विदेश मंत्री का पद देती है तो ध्यान रखिएगा कि आपका अरब की धरती पर स्वागत नहीं होगा। आपकी ये नफरत याद रखी जाएगी।

तेजस्वी ने तुरंत आनन फ़ानन में वो ट्वीट डिलीट कर लिया। मगर बात जहाँ जानी थी, चली गयी और इस वक़्त हालात ये हैं कि यूएई के बड़े बड़े अधिकारी, पॉलिटिशियन और बड़े बड़े लोग भारत में फैली नफऱत के खिलाफ़ लिखने में.जुटे हुए हैं। रोजाना नए ट्वीट सामने आ रहे हैं जिसमें भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का विरोध किया जा रहा है। इससे वहां की हुकूमतें दबाव में आ गई हैं। वैसे भी वहां राजतंत्र है, उन्हें डर है कि भारत में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म के खिलाफ वहां की जनता विद्रोह न कर दे।

सऊदी राजघराने तक पहुंचा मामला

यह मामला सऊदी अरब के राजघराने तक जा पहुंचा है। प्रिंसेज हेंड अल कासिमी ने यूएई में कारोबार कर रहे सौरभ भारद्वाज नामक शख्स के कुछ ट्वीट का स्क्रीन शॉट पोस्ट किया। जिसमे सौरभ बहुत गन्दी ज़ुबान मुसलामानों के लिए इस्तेमाल करा रहा था। सौरभ का यूएई में करोड़ों का कारोबार है और राजकुमारी के एक्शन में आते ही पुलिस हरकत में आ गई। सौरभ ने अपने सारे ट्विटर से लेकर फेसबुक तक अकाउंट बंद कर दिए और अपनी कंपनी की वेबसाइट भी बंद कर दी है और अब छिपे-छिपे फिर रहे हैं। उनका सारा बिजऩेस एक झटके में चला गया।

अब यूएई में बसे हर भारतीय के नफऱत फैलाने वाले अकाउंट को खंगाला जा रहा है। वहां चौतीस लाख से ऊपर भारतीय रहते हैं। जो वहां की कुल आबादी का 27 फीसदी हैं। यूएई की राजकुमारी गांधी को आदर्श मानती हैं और जब उनके एक ट्वीट पर किसी ने उनसे कहा कि गांधी पॉलिटिशियन थे तो उन्होंने जवाब दिया – नहीं, वो संत थे। राजकुमारी उसके बाद से प्यार मुहब्बत और भाईचारा सिखाने वाली पोस्ट कर रही हैं।

मगर भारत के आईटी सेल वाले उन्हें गाली दे  रहे हैं। अमित मालवीय और पायल रोहतगी ने मामला इतना खतरनाक कर दिया कि सारा यूएई विरोध में उतर आया है।

पीएम मोदी आए हरकत में

इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भाईचारा बनाये रखने की ट्वीट की। फिर उसी ट्वीट को यूएई में भारत के राजदूत ने रीट्वीट करके लोगों से भाईचारा बनाने की अपील की है। बल्कि भारतीय राजदूत ने यूएई में रह रहे भारतीयों को सलाह दी  कि अगर वे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे वाले ट्वीट या फेसबुक पोस्ट डालेंगे तो उन्हें इसके नतीजे भी भुगतने पड़ेंगे। यानी भारतीय राजदूत ने कहा कि अगर सऊदी अरब में रह रहे हिंदुओं की आपत्तिजनक पोस्ट या ट्वीट पर वहां कोई कार्रवाई हुई तो भारत सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर पाएगी।

मोदी के निर्देश पर केंद्रीय मंत्री, भाजपा का मुस्लिम मुखौटा, मुख्तार अब्बास नकवी से भी बयान दिलवाया गया कि मुसलमानों के लिए भारत स्वर्ग (जन्नत) की तरह है। इस पर लोगों ने चुटकी ली कि मुसलमान स्वर्गवासी हो गए।

कितना सहन करेगा कोई

भाजपा के प्रवक्ता से लेकर मंत्री, संत्री, भक्तों और कार्यकर्ताओं की आदत इतनी ज्यादा खऱाब हो चुकी है कि ये सोचते हैं जैसे ये अपने देश के अल्पसंख्यकों को अब कुछ भी बोल देते हैं, टीवी चैनल पर बैठ के गाली दे देते हैं, ऐसे ही ये सबको गाली दे देंगे और हर देश के मुसलामानों से ये वैसे ही बर्ताव कर लेंगे। इनकी मुसलामानों के प्रति नफऱत बहुत ही ख़तरनाक चरण में पहुँच चुकी है जिसका इन्हें अभी अंदाजा भी नहीं है। कोरोना की इस महामारी के बीच में ये खेल अब बहुत आगे जाने वाला है।

और भी जगहों से चेतावनी

यूएई के लोगों की चेतावनी से भी पहले कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी इससे पहले मुसलमानों को भारत में सताये जाने का मामला उठाते हुए भारत सरकार को चेतावनी दी थी। लेकिन हर बार भारत ने इसे अपना अंदरुनी मामला बताकर खारिज कर दिया। इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने 19 अप्रैल को भारत में इस्लाम फोबिया के खिलाफ केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी। यह वही मंच है जहां स्व. सुषमा स्वराज ने बतौर विदेश मंत्री जाकर भाषण दिया था और तब मोदी एंड कंपनी ने इसे पाकिस्तान को नीचा दिखाने और भारत की बड़ी कूटनीतिक कामयाबी करार दिया था। अब उसी संगठन के मंच से भारत पर जब इस्लाम फोबिया फैलाने का आरोप लगा तो भारत सरकार ने इसे फौरन अंदरुनी मामला करार दिया। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन ने भी इस्लाम फोबिया को लेकर भारत सरकार को सचेत किया था। उस समय भी भारत ने वही बात कही थी। यूएन के सदस्य देशों ने कहा था कि जब भारत पड़ोसी देश के खिलाफ फरियाद लेकर हमारा दरवाजा खटखटाता है तो जब हम कुछ कह रहे हैं तो वो इसे अपना अंदरुनी मामला कैसे बता सकता है। विभिन्न देशों की धार्मिक आजादी का इंडेक्स जारी करने वाली अमेरिकन संस्था ने भी भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को बार-बार खराब बताया जिसमें मुसलमानों के हालात को बदतर करार दिया जा चुका है।

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