फरीदाबाद (म.मो.) बिना सोचे-समझे एवं किसी योजना के बिना मात्र चार घंटे के नोटिस पर प्रधानमंत्री द्वारा लॉक-डाउन कर दिये जाने के चलते उन मज़दूरों के सामने संकट खड़ा हो गया जो रोज़ कमाते व खाते थे। ऐसे मज़दूरों के पास न तो कोई रहने का ठिकाना था न कमाई का। लिहाज़ा उन्होंने पैदल ही घरों की ओर कूच कर दिया।
ऐसे ही कुछ मज़दूर बल्लबगढ़ फरीदाबाद में भी रहते हैं। उन्होंने पलायन करने की अपेक्षा सरकारी सहायता की प्रतीक्षा की। तमाम लम्बी-चौड़ी घोषणाओं के बावजूद जब तीन दिन तक इन्हें कुछ भी खाने को नहीं मिला तो उन्होंने अपने गृह राज्य बिहार $फोन लगाया। वहां के जो लोग पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एवं उनकी पार्टी के सम्पर्क में थे उन्होंने लालू के पुत्र तेजस्वी से सम्पर्क करके सारी व्यथा बताई। तेजस्वी ने तुरंत यहां के सेक्टर 15 स्थित, अपने मिलने वाले एक व्यापारी सर्वजीत सिंह को $फोन लगाया और अपने करीब 2000 बिहारियों के भोजन की व्यवस्था करने को कहा।
सर्वजीत ने तुरन्त राशन की व्यवस्था करके सैनिक कॉलोनी स्थित गुरूद्वारे से भोजन बनवा कर बांटने का काम शुरू कर दिया। यद्यपि इस भोजन पर आने वाला खर्च तेजस्वी एवं उनकी पार्टी द्वारा वहन किया जा रहा है परन्तु शारीरिक रूप से वितरण की सेवा एवं प्रबन्धन सर्वजीत के द्वारा ही किया जा रहा है। इस वितरण कार्य को देखने के लिये एक दिन यह संवाददाता भी सर्वजीत के साथ बल्लभगढ तक गया था। वहां देखा कि भीड़ भरे मकानों में रहने वाले, जो पहले से ही सामाजिक दूरी बनाये रखने की स्थिति में नहीं थे, भोजन लेने व वितरण के समय और भी अधिक एक दूसरे से सट जाते हैं,। समाजिक दूरी बनाये रखना इन लो$गों के लिये संभव ही नहीं है, सरकार चाहे कितना ही प्रवचन झाड़ ले। नगर निगम द्वारा पानी की अपर्याप्त बल्कि न के बराबर आपूर्ति के चलते, इन लो$गों को पीने का पानी तो खरीद कर ही पीना पड़ता है तथा दूसरे कामों के लिये पानी को दूर से ढोकर लाना पड़़ता है; समझा जा सकता है कि ऐसे में ये लोग कितनी बार हाथ-मुंह धो पाते होंगे।