फरीदाबाद (म.मो.) ‘सेव अरावली ट्रस्ट की ओर से 19 जनवरी को इस साल की पहली अरावली यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा सुबह सात बजे गांव मोहबताबाद के झरना मंदिर से शुरू होकर लगभग 4 किलो मीटर का चक्कर लगाकर वापिस झरना मंदिर पर ही खत्म हुई। अरावली जंगल और इसके पर्यावरण से परिचय कराने के लिये हर महीने ये यात्रा आयोजित की जाती है। यात्रा में हर बार पहले के मुकाबले ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं जो न सिर्फ इसके लोकप्रिय होते जाने का सबूत हैं बल्कि लोगों के अपने पर्यावरण के प्रति और ज्यादा जागरूक होने का भी प्रमाण है। इस बार की यात्रा में लगभग 200 लो$गों ने हिस्सा लिया जिसमें बड़ी संया में महिलायें और बच्चे थे। यात्रा में लोगों ने यहां पाये जाने वाले पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी हासिल की।
इस अवसर पर सेव अरावली ट्रस्ट के प्रधान जितेन्द्र ने लोगों के सामने ट्रस्ट के लक्ष्यों और कामों के बारे में अपने विचार रखे। उन्होंने लोगों से जंगल बचाने, अधिक से अधिक पेड़ लगाने, प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने। बंद करने व पानी संरक्षण की अपील की। उन्होंने कहा कि ये जंगल नहीं बचेंगे तो हम भी नहीं बचेंगे। सेव अरावली समूह के ही एक अन्य सदस्य रमेश श्योरान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि कई महीनों से आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग और अमेरिका द्वारा छेड़े जा रहे युद्ध पर्यावरण को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचा रहे हैं। इधर अरावली के गुडग़ांव के इलाके में बन्धवाड़ी तक और फरीदाबाद में सूरजकुण्ड रोड पर बड़े-बड़े फार्म हाउस व बैन्कवैट हॉल बनाये गये हैं /बनाये जा रहे हैं, जिसके लिये हजारों पेड़ों को काटकर पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुंचायी गयी है। इस क्षति की पूर्ति दस गुणा नये पेड़ लगाकर ही नहीं हो पायेगी।
इस मुहिम को आगे बढाने के लिये लगातार मेहनत करने वाले सेव अरावली के वालंटियर बधाई व प्रशंसा के पात्र है। आशा और नये लोग इस मुहिम से जुड़ेंगे। इसके लिये सेव अरावली का ट्रविटर और फेसबुक पेज से आप जुड़ सकते हैं या उनके व्हाटस एप ग्रुप के सदस्य बन सकते हैं।