30 जून के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक को बेचा तो होगी कार्रवाई

30 जून के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक को बेचा तो होगी कार्रवाई
July 18 00:52 2022

करनाल। यमुना एक्शन प्लान को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के आदेशो की अनुपालना में, गठित जिला के विशेष पर्यावरण निगरानी कार्यदल की मासिक बैठक सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में उपायुक्त अनीश यादव की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में प्लान को लेकर भिन्न-भिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली अनुपालना से सम्बंधित तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा प्रस्तुत एजेण्डा के करीब 2 दर्जन बिन्दूओं पर उपायुक्त ने समीक्षा की ।

समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने-अपने कार्य से सम्बंधित हर माह की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से प्रेषित करें। सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी एसटीपी अच्छे तरीके से मेन्टेन रहें। जिन एरिया में सीवर की व्यवस्था नहीं है, वहां टैंकर रजिस्टर्ड करें, सुनिश्चित किया जाए कि यदि कोई टैंकर सीवेज को नाले में गिराता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सीवेज से भरे टैंकर एसटीपी में ही जाने चाहिए। उपायुक्त ने आरओ सहित अधिकारियों की गठित टीम को निर्देश दिए कि कोई भी उद्योग प्रदूषण न फैलाए, इसका नियमित निरीक्षण करते रहें। इस सम्बंधत में यदि कोई शिकायत मिलती है, तो उस पर तुरंत एक्शन लें और नियमानुसार कार्रवाई करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि औद्योगिक के साथ-साथ निर्माण गतिविधियों की भी चैकिंग करते रहें और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि उद्योगों के निरीक्षण के लिए एक शैड्यूल बनाएं।

बैठक में मौजूद एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि आगामी 30 जून के बाद जिला में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर पूर्णत प्रतिबंद रहेगा। इसे रोकने की जिन अधिकारियों की जिम्मेवारी तय है, वह ऐसी जगहों, जहां सिंगल यूज प्लास्टिक का सम्भावित प्रयोग होता है, पर जाकर चैकिंग करेंगे तथा चैकिंग में दोषी व्यक्तियों का चालान करेंगे। इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए अगले कुछ दिनो में कोई न कोई गतिविधि कर जनता को जागरूक करें। एक बिन्दू पर समीक्षा के दौरान उपायुक्त द्वारा पूछे जाने पर आरओ ने बताया कि 125 एकड़ या 50 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया में आवास निर्माण जैसी गतिविधियों के लिए इसी यानी एन्वायरमेंट क्लीयरेंस लेनी पड़ती है। इसी प्रकार 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक बिल्टअप एरिया के लिए भी ई.सी. लेनी जरूरी है।

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Mazdoor Morcha
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