27 लाख की क्रेन आयेगी तो सडक़ों से जाम हटेगा

27 लाख की क्रेन आयेगी तो सडक़ों से जाम हटेगा
September 18 15:00 2022

फरीदाबाद (म.मो.) निकम्मे प्रशासन के पास काम न करने के लिये बहानों की कोई कमी नहीं है। ये लोग धरातल पर काम करने की बजाय काम को टरकाने के नये-नये बहाने बुनने में लगे रहते हैं।

शहर भर की शायद ही कोई भीतरी सडक़ अवैध पार्किंग के चलते संकरी न हो गई हो जिसकी वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है। शासन-प्रशासन के पास, अवैध रूप से सडक़ घेरने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के पर्याप्त अधिकार मौजूद हैं। इनका इस्तेमाल करने के लिये भारी मात्रा में पुलिस बल भी है। लेकिन जब कोई काम करने की नीयत ही न हो तो तमाम अधिकार और बल किसी काम के नहीं।

इसी सप्ताह, अवैध पार्किंग से निपटने के लिये स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड ने 27 लाख की क्रेन खरीदने के लिये टेंडर जारी करने की बात तो ऐसे कही है जैसे कि उस क्रेन के न होने से ही अवैध पार्किंग वालों ने सडक़ों को जाम कर रखा है और उसके आते ही समस्या स्वत: हल हो जायेगी। आखिर ये अधिकारी किसको बेवकूफ बना रहे हैं? शहर भर की सडक़ों पर हजारों छोटे-बड़े वाहन सडक़ों को घेरे खड़े रहते हैं। क्या उस अकेली क्रेन के आने से तमाम वाहन अवैध पार्किंग छोड़ देंगे? नहीं। फिर यह कहा जायेगा एक क्रेन बेचारी क्या-क्या करे? इसके लिये तो 10-20 क्रेनें और चाहिये। फिर आये दिन वे क्रेने मरम्मत के लिये वर्कशापों में खड़ी रहेगी और अवैध पार्किंग ज्यों की त्यों चलती रहेगी।

सरकार द्वारा खरीदारी करने के शौक का दूसरा नमूना, सडक़ों पर झाड़ू लगाने से उठने वाली धूल से पर्यावरण को बचाने के नाम पर नगर निगम ने भी विदेशों की तर्ज पर स्वचालित सक्शन मशीने खरीदी अथवा महंगे भाड़े पर ले रखी हैं। झाड़ू लगाने वाले यह मशीने यदा-कदा सडक़ों पर टहलती नजर आ जाती है। गौरतलब है कि झाड़ू से उठती धूल तो प्रशासन को नजर आ गई लेकिन टूटी सडक़ों से उड़ते धूल के गुबार नजर नहीं आते।

स्मार्ट सिटी कंपनी बीते लगभग चार साल से 2700 करोड़ से अधिक रुपया ठिकाने लगा चुकी है इसके बावजूद शहर को न तो जल भराव से छुटकारा मिला और न ही उफनते सीवरों से। खस्ता हाल सडक़ों की हालत बद से बद्तर होती जा रही है। पैदल चलने वालों को फुटपाथ नहीं और न ही कोई सायकिल ट्रैक। खुले में शौच जाते लोग शहर की समार्टनेस की हकीकत बयां करने को पर्याप्त हैं। हां, टेंडर जारी करने व तरह-तरह की खरीदारी करके बजट को ठिकाने लगाने की पूरी महारत इस कंपनी को है।

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Mazdoor Morcha
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