खोरी गांव में शराब माफिया सक्रिय…हर काम खुलेआम
मजदूर मोर्चा ब्यूरो
फरीदाबाद: सराय ख्वाजा के पास खोरी गांव में खुलेआम अवैध शराब और मादक द्रव्य बेचे जा रहे हैं। यह इलाका सूरजकुंड पुलिस थाने के तहत आता है। इस सिलसिले में जिस शराब माफिया का जिक्र आ रहा है, वो यहां रंगदारी भी वसूलता है और सरकारी जमीन पर कब्जे करता है। पिछले दिनों यहां अवैध कब्जा हटाने के नाम पर जिस तरह बड़े पैमाने पर एमसीएफ औऱ अन्य एजेंसियों ने तोडफ़ोड़ की थी, उस समय भी जमीन पर अवैध कब्जा करके उसे बेचने वालों के नाम सामने आये थे। लेकिन पुलिस सहित किसी भी एजेंसी ने कार्रवाई नहीं की। उस घटनाक्रम के बाद इस तरह के धंधों में लिप्त लोगों के हौसले और भी बुलंद हो गए हैं।
खोरी गांव में आमतौर पर यूपी-बिहार से आया मजदूर तबका रहता है। जिसे यहां सस्ते किराये पर कमरे मिल जाते हैं। कुछ ने ऐसे ही माफिया से छोटी-मोटी जमीन खरीदकर मकान भी बना लिए हैं। शराब माफिया लोकल होने का हवाला देकर बाहर से आकर बसे लोगों पर रोब गांठता है। यहां रह रहे लोगों ने शिकायत की है कि शराब माफिया के एजेंट लोगों को पहले मुफ्त देसी शराब पिलाकर या ड्रग्स देकर आदत डालते हैं और उसके बाद उन्हीं को वही चीज बेचना शुरू कर देते हैं। हाल ही में हरियाणा के सोनीपत, पानीपत में जहरीली शराब से कई मौतें हुई थीं लेकिन इसके बावजूद सूरजकुंड पुलिस की नाक के नीचे यहां इस तरह का अवैध धंधा सरेआम चल रहा है।
खोरी गांव में सक्रिय शराब माफिया का संबंध भाजपा से भी बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि शराब माफिया अक्सर फरीदाबाद के भाजपा नेताओं के नाम लेकर कहता है कि उसके उन लोगों से सीधे संबंध हैं। पुलिस उसके खिलाफ कुछ नहीं कर सकती। पुलिस का जो रवैया इस शराब माफिया को लेकर है, उसे देखकर यही लगता है कि वह सच बोल रहा है। कई भाजपा नेताओं की रैलियों में वह यहां से भीड़ भी ले जा चुका है, जिसके बदले उसे वहां से पैसे भी मिले। यही शराब माफिया खोरी गांव में फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों, रेहडय़िों से रंगदारी भी वसूल रहा है। चाहे किसी रेहड़ी वाले की बिक्री हो या न हो, शराब माफिया को पैसे देने ही पड़ते हैं।