राजकीय महिला महाविद्यालय बल्लबगढ में तैनात प्रोफ़ेसर चन्द्रशेखर वशिष्ठ का तबादला तुरन्त प्रभाव से राजकीय महाविद्यालय छिलरो (महेन्द्रगढ) कर दिया गया है। प्रिंसिपल ने आदेशों का पालना करते हुये उन्हें अगले ही दिन कार्यमुक्त करते हुये ‘छिलरो कॉलेज में ज्वाईन करने के निर्देश दिये।
बता दें कि प्रो.वशिष्ठ का नाम राजकीय महिला महाविद्यालय फरीदाबाद में छात्राओं के यौन शोषण की कोशिश के एक मामले में सामने आया था। पुलिस में केस दर्ज होने के बाद उन्हें सरकार ने सेवा से निलंबित कर दिया था। बहाल होने के बाद उन्हें 6 जनवरी 2020 को महिला महाविद्यालय बल्लबगढ में तैनात किया गया था। उनकी इस तैनाती पर कॉलेज प्रिंसिपल ने सवाल उठाते हुये विभाग को एक पत्र लिखा था। ‘मज़दूर मोर्चा ने भी इस विषय पर लिखा था कि ऐसा करके सरकार ने प्रो. वशिष्ठ की बेगुनाही में विश्वास जताया है या नहीं यह सरकार द्वारा प्रिंसिपल के पत्र के जवाब से पता चलेगा।
सरकार द्वारा उनकी बदली महिला कॉलेज के दूसरे कॉलेज में करने से यह स्पष्ट है कि सरकार कोर्ट के फैसले और विभागीय जांच के बाद ही इस सम्बन्ध में कोई निर्णय लेगी। उनके स्थानांतरण आदेश में भी साफ़ तौर पर उल्लेख किया गया है कि उनके ऊपर नैतिक आचरणहीनता के आरोप होने के कारण उनकी बदली महिला कॉलेज से दूसरे कॉलेज में की जा रही है।
यह पता नहीं चल पाया कि क्या उन अफसरों और क्लर्कों पर भी कोई कार्यवाही हुई जिन्होंने चालाकी से राजकीय महिला कॉलेज की बजाय सिर्फ राजकीय कॉलेज बल्लबगढ लिखकर प्रोफ़ेसर वशिष्ठ को यहां तैनाती पाने में मदद की। जब तक ऐसे निकृष्ट के विरुद्ध कार्यवाही नहीं होगी तब तक सरकार को कभी भी ऐसे ही थूक कर चाटना पड़ सकता है और शर्मिन्दगी उठानी पड़ सकती है। दो एक साल पहले तिगांव कॉलेज में प्रिंसिपल का पद खाली दिखाकर इकबाल सिंह वहां पहुंच गये थे जबकि वहां मैडम संध्या पहले से तैनात थी।