सोनीपत (म.मो) रोजगार पर बढ़ते हमलों के खिलाफ गांव में मेहनतकश वर्गों के बीच व्यापक एकता के लिए मजदूर-किसान- नौजवानों को असल मुद्दों से जोडऩे का अभियान है। जिसे ‘रोजगार बचाओ साइकिल अभियान’ के नाम से चलाया जा रहा है। 18-20 नौजवान छात्र-छात्राएं एक गांव से दूसरे गांव की दूरी को साइकिलों से तय करते हुए हर सुबह निकलते हैं। साइकिल यात्रा के दौरान गांव में पैदल घूम कर हर घर में पर्चा बांटा जाता है, सभा आयोजित की जाती हैं, गीत गाए जाते हैं “बेरोजगारी बड़ी बीमारी फैली बीच हमारे पढ़े लिखे भी भारत के म्ह हांड़े मारे मारे”, “छोरे म्हारे देश के बूट तुडावैं स, बीए, एमए पास यडै़ सडकां पर पावै से”।
इनकी मांग है- सभी को योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जाए, ठेका प्रथा बंद की जाए, सरकारी विभागों में खाली पड़े लाखों पद भरे जाएं, रोजगार न मिलने तक 15000 बेरोजगारी भत्ता दिया जाए,रोजगार के लिए आवेदन शुल्क निशुल्क किया जाए।