बेशर्मी पर उतरे हैं अधिकारी, जरा सी बारिश में डूबा रेलवे अंडरपास

बेशर्मी पर उतरे हैं अधिकारी, जरा सी बारिश में डूबा रेलवे अंडरपास
September 13 03:27 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) बीते शनिवार शहर में भोर पांच बजे के करीब बारिश हुई। एक घंटे हुई बारिश में ओल्ड रेलवे अंडरपास में आठ से दस फीट पानी भर गया। निकम्मे अधिकारियों ने अंडरपास से पानी निकलवाने की कोई व्यवस्था नहीं की। इस दौरान कई दो पहिया, चार पहिया और बड़े वाहन पानी चले जाने के कारण खराब हो गए। कुछ के इंजन में पानी गया तो पानी से वायरिंग शॉर्ट होने के कारण कुछ वाहनों के महंगे इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स व सर्किट खराब हुए।

ओल्ड फरीदाबाद से रेलवे स्टेशन और एनआईटी को जोडऩे वाला यह अंडरपास इतना महत्वपूर्ण है कि यहां चौबीस घंटे वाहनों की आवाजाही रहती है। बावजूद इसके नगर निगम, एफएमडीए और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने यहां यातायात सुचारू कराने के कोई इंतजाम नहीं किए। मजबूर लोगों को बडख़ल या अजरौंदा-नीलम पुल का लंबा रास्ता तय करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी पैदल, साइकिल और रिक्शा चालकों को हुई, उन्हें काफी लंबा चक्कर लगाना पड़ा। शाम छह बजे तक अंडरपास में जलभराव बना रहा। नाला सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये डकारने वाले डकैत अधिकारियों ने फिर भी इसकी सुध नहीं ली। पानी अपने आप नीचे उतरा तब जाकर रात में यातायात शुरू हो सका।

फरीदाबाद रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा करने वाले भाजपा नेताओं को यहां का रेलवे अंडरपास नजऱ नहीं आता। जऱा सी बारिश में अंडरपास में इतना जलभराव होता है कि घंटों और कई बार तो कई दिन तक आवागमन ठप हो जाता है। सुनियोजित विकास का ढिंढोरा पीटने वाले नगर निगम, स्मार्ट सिटी और एफएमडीए के ‘क़ाबिल’ अधिकारी ओल्ड फरीदाबाद और एनआईटी को जोडऩे वाले इस प्रमुख और महत्वपूर्ण रास्ते को बारह मास आवागमन योग्य नहीं बना सके हैं।

दरअसल, ओल्ड फरीदाबाद का रेलवे अंडरपास लंबे समय से प्रशासनिक हरामखोरी, भ्रष्टाचार और निकम्मेपन का शिकार है। यहां जल निकासी की कोई व्यवस्था ही नहीं है। सामान्य दिनों मेंं भी यहां संत नगर कॉलोनी के ओवरफ्लो सीवरों का गंदा पानी बहता रहता है। शहरियों को मूलभूत नागरिक सुविधाएं देने वाले एफएमडीए, स्मार्ट सिटी और नगर निगम होने के बावजूद अंडरपास की नालियों की सफाई कभी नहीं की जाती। नाली ढकने वाले कवर की सरिया टेढ़ी होकर टूट गई हैं और गड्ढा हो गया है, जिसमें फंस कर वाहन खराब होते हैं और जाम लगता है। पैदल यात्रियों के लिए नाले के ऊपर बने फुटपाथ की स्लैब भी जगह जगह गायब हैं। अंडर पास में अव्यवस्था का आलम यह है कि दिन में घुप्प अंधेरा रहता है, कहने को तो लाइट लगी हैं जो कभी जलती नहीं है इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। इस सब के पीछे मूल कारण सभी प्राधिकरणों में बैठे हरामखोर व भ्रष्ट अधिकारी हैं जिन्हें राजनेताओं का पूरा संरक्षण हासिल है। वे जानते हैं कि उनकी हरामखोरी के लिए उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है।

हाल ही में मोदी ने फरीदाबाद स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाने का जुमला फेका है। पहले स्लम से बदतर हालात वाले ओल्ड अंडरपास और चौबीस घंटे सीवर के गंदे पानी से लबालब रहने वाले स्टेशन रोड को तो ठीक करा लो। मोदी के स्मार्ट सिटी जुमले को साकार करने के नाम तीन हजार करोड़ से अधिक रुपये डकारने वाले नगर निगम, एफएमडीए ओर स्मार्ट सिटी में बैठे चोर डकैतों को शर्म भी नहीं आती कि जनता परेशान है। खैर, इनको क्या शर्म आएगी जब लगभग हर महीने आने वाले खट्टर को फरीदाबाद के हालात देख कर शर्म नहीं आती। सबका एक ही मकसद है ज्यादा से ज्यादा लूट कमाई, जनता की किसे परवाह है।

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Mazdoor Morcha
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