बीके अस्पताल को ही जब संक्रमण हो जाय
फरीदाबाद (म.मो.) संक्रमित होने पर व्यक्ति को क्वारेंटाइन करके दो-चार सप्ताह के लिये तमाम तरह के काम-काज से मुक्त कर दिया जाता है। परन्तु जब एक अस्पताल हरामखोरी के वायरस से संक्रमित हो जाय तो उसका क्या किया जाय? स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा बीते छ: साल में की गयी तमाम तरह की नौटंकियों के बावजूद यह अस्पताल न केवल संक्रमित है, बल्कि इसका संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि इस संक्रमण से अस्पताल के किसी अधिकारी-कर्मचारी को कोई तकलीफ नहीं है, तकलीफ भुगत रही है तो शहर की जनता।
अस्पताल के करीब 75 प्रतिशत बेड खाली पड़े हैं। ओपीडी में कोई डॉक्टर बैठने को राज़ी नहीं, हर आने वाले मरीज़ को दिल्ली की ओर धकेलने का पूरा प्रयास किया जाता है। ले-दे कर एक कोविड का ही काम इनके जि़म्मे है, और वह भी इनके बस का नहीं। प्रति दिन कोविड सम्बंधी आंकड़े तक ये लोग मीडिया को नहीं दे पाते और तो ये क्या ही करेंगे। सीएमओ कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से किसी सूचना के आदान-प्रदान के लिये रखे फोन नम्बर 0129-2415623 पर बातचीत करने से बचने के लिये इसका रिसीवर उठा कर ऐसे रख दिया जाता जिससे लगे कि फोन व्यस्त है।
इतना ही नहीं मोर्चरी में आये मुर्दों तक का प्रबन्ध इनके बस का नहीं। बदमाशों द्वारा कत्ल कर दिये गये सोनू खान नामक एक मुस्लिम का शव कोरोना केस बता कर जलवा दिया जब कि कोरोना शव धरा रह गया। कर लो कोई क्या करेगा, हरामखोरी वायरस से संक्रमित इन लोगों का।