बिहार से संचालित किया गया फ्रॉड, रामदेव और बालकृष्ण की जानकारी में,

बिहार से संचालित किया गया फ्रॉड, रामदेव और बालकृष्ण की जानकारी में,
August 31 10:30 2020

 

पतंजलि के नाम पर फरीदाबाद के कारोबारी

से ठगे साढ़े 17 लाख, पुलिस निष्क्रिय

बिहार से संचालित किया गया फ्रॉडरामदेव और बालकृष्ण की जानकारी में,

फरीदाबाद पुलिस यह तय नहीं कर पा रही कि किस यूनिट को सौंपी जाये जांच

फरीदाबाद: पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर देश में बहुत बड़ा फ्रॉड का धंधा चल रहा है। इसका शिकार फरीदाबाद का भी एक शख्स हुआ, जिससे साढ़े 17 लाख से ज्यादा रुपये ठगे गए। फ्रॉड करने वालों का संबंध बिहार से है, लेकिन फरीदाबाद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है जबकि फ्रॉड करने वाले बिहार में मस्ती से घूम रहे हैं।

वैसे तो बॉलिवुड का कोई ऐक्टर मुंबई में खुदकुशी कर ले तो बिहार पुलिस जांच करने मुंबई पहुंच जाती है। सरकार और अदालत सीबीआई जांच का आदेश दे देती है। बिहार का बड़बोला डीजीपी एक एक्ट्रेस की गरिमा के खिलाफ बयान दे देता है लेकिन जब बात आम लोगों से हुए फ्रॉड की आती है तो बिहार से लेकर हरियाणा तक की पुलिस खामोश हो जाती है।

पतंजलि के नाम पर आए दिन हो रहे फ्रॉड का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि पतंजलि के संचालक रामदेव और बालकृष्ण को खुद अपनी छवि की परवाह नहीं है। अगर ऐसा होता तो अब तक उस फ्रॉड वेबसाइट चलाने वालों पर खुद पतंजलि द्वारा कार्रवाई हो जाती, जो अभी तक वैसे ही चल रही है। चूंकि किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही है तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर फ्रॉड करने वालों को किसका संरक्षण मिला हुआ है।

क्या है पूरा मामला

फरीदाबाद सेक्टर 3 में रहने वाले 43 साल के कृष्ण छिब बजरंग ट्रेडिंग कंपनी के नाम से कारोबार करते हैं। उनकी फर्म को सैमसंग कंपनी नोएडा में एलोवेरा जूस व अन्य खाने-पीने के सामान की सप्लाई का आर्डर मिला। कृष्ण ने गूगल पर पतंजलि आयुर्वेद के नाम से सर्च किया और साइट पर मौजूद फोन नंबर 9875581729 पर सुनील गुप्ता नामक व्यक्ति, जिसने खुद को पतंजलि का कर्मचारी बताया, से सामान लेने के बारे में बात

की।

सुनील के बाद किसी शुक्ला नाम के एक अन्य व्यक्ति ने 9123982166 नंबर से फोन किया और पतंजलि के नाम पर एचडीएफसी बैंक और आईडीबीआई बैंक के दो बैंक खातों में पेमेंट जमा कराने को कहा। कृष्ण ने फौरन पांच लाख की रकम खाते में जमा करवा दी। रकम मिलने के बाद वेंडर कोड बनवाने और कई अन्य प्रकार के रिफंडेबल सिक्यूरिटी के नाम पर कृष्ण से कुल 17,62,764/- रुपये ले लिए गए। यह सारा लेन-देन 19 से 22 अगस्त के बीच हुआ।

शक ऐसे पैदा हुआ

कृष्ण छिब को 9430997547 नंबर से फोन आया, जिसमे उस व्यक्ति ने खुद को पतंजलि का माल लाने वाला ड्राइवर बताया और सूचना दी कि आपका सामान मुज्जफरनगर में पुलिस ने पकड़ लिया है। माल छुड़ाने के लिए 2.5 लाख रुपये की रकम का एक लाइसेंस बनवाना होगा, जो कि बाद में कंपनी वापस कर देगी। यहाँ से कृष्ण को मामला संदिघ्ध लगा और वो  अपनी कार से सीधे मुजफ्फरनगर पहुंचे। वहाँ उन्हें पता चला कि ऐसा कोई ट्रक पुलिस ने पकड़ा ही नहीं है। मुजफ्फरनगर से हरिद्वार में पतंजलि कंपनी की दूरी अधिक नहीं थी। कृष्ण पतंजलि कंपनी पहुंचे और वहां किसी तरह पतंजलि के मालिक बालकृष्ण से मिले। बालकृष्ण ने सुनील गुप्ता नाम से आईडी और अन्य पेपर देखते ही कहा कि आपके साथ किसी ने फ्रॉड किया है। इस नाम का कोई व्यक्ति हमारे यहां कार्यरत नहीं है और न ही दी गई कोई जानकारी पतंजलि की है। साथ ही बालकृष्ण ने कृष्ण से यह भी कहा कि इस तरह के कई फ्रॉड पतंजलि के नाम पर आये दिन उनके सामने आ रहे हैं। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को भी दी है। इतना सुनते ही कृष्ण के पैरों तले जमीन खिसक गई। अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी की सूचना कृष्ण ने तुरंत पुलिस कमिश्नर ऑफिस फरीदाबाद में दी।

अभी तक पुलिस ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया है। पुलिस कमिश्नर ऑफिस के हवाले से डी.सी.पी. बल्लबगढ दफ्तर ने कृष्ण को सूचित किया कि सेक्टर-7 $फरीदाबाद थाने से आपको शुक्रबार तक फोन आयेगा और आप अपनी एफआईआर की कॉपी जा कर ले लेना। जिस धोखाधड़ी की शिकायत मात्र दर्ज करने में पुलिस ने पांच दिन लगाने का झांसा दिया है उसकी जांच कैसी होगी यह जाहिर है।

फ्रॉड करने वाले का फोन अभी भी चालू

कृष्ण ने बताया कि जिस नंबर पर उनकी सुनील गुप्ता से बात हो रही है, वह फोन अब भी काम कर रहा है। कृष्ण ने जब फोन पर उससे अपने पैसे वापस मांगे तो सुनील ने गालियां दीं। फ्रॉड करने वाले उस व्यक्ति के न जाने कितने ही धमकी भरे फोन कृष्ण को आ रहे हैं जिसमे वो कृष्ण को ही देख लेने और गाली गलौच से भरी अपनी आवाज में रिकार्डिंग भी भेज रहा है।

मजदूर मोर्चा की जांच

कृष्ण को दिए गए अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर बिहार के पटना जिले और नालंदा जिले से संबंधित हैं। जिन दो बैंक खातो में कृष्ण से पैसे जमा करवाए गए उनसे निकल कर सारा पैसा आईसीआईसीआई बैंक के खाते 133015500803 में जमा कराया गया है। यह खाता डीएचएम मार्केटिंग एंड एसोसिएट्स के नाम से बिहार में नालंदा जिले के भरावपेर की ब्रांच में पंजीकृत है। यह खाता किसी धर्मेन्द्र नामक व्यक्ति का है। इस खाते की लेनदेन समरी से लगता है कि यह व्यक्ति इस पूरे मामले की एक छोटी मछली है जो एक खाते से पैसा लेकर दूसरे में डालने के बदले अपना कमीशन लेता है। पर इस एक लीड से बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसा जा सकता है, बशर्ते पुलिस इस मामले में मेहनत करे और ईमानदारी बरते।

मजदूर मोर्चा द्वारा जुटाई गई ये जानकारी पुलिस के काफी काम आ सकती है। इस मामले को फरीदाबाद पुलिस चाहे तो बिहार पुलिस से मिलकर मामले को आमतौर पर हल करके आम आदमी के साथ हुई धोखाधड़ी का पर्दाफाश कर सकती है लेकिन आमतौर पर पुलिस से इसकी उम्मीद करना बेकार लगता है।

पतंजलि भी शक के दायरे में

अगर किसी आम आदमी का नाम ऐसे फ्राड मामले में आ जाता है तो आमतौर पर यही पुलिस उस व्यक्ति को बिना दिन-रात का समय देखे और सारे कानून ताक पर रखकर उठा लाती है। अगर रामदेव और बालकृष्ण सच में अपनी कंपनी के नाम से हो रही धोखाधड़ी से चिंतित होते तो उनकी एक शिकायत पर गूगल ऐसी बडऱ्ी वेबसाइटों को कब का बंद कर चुका होता जबकि अभी तक उस फर्जी वेबसाइट का लिंक गूगल पर बदस्तूर मौजूद है।

इन बातों से साफ है कि न तो योग गुरु रामदेव ने और न ही बालकृष्ण ने अपनी कंपनी के नाम पर होने वाले इन मामलों पर कोई गंभीर संज्ञान लिया और न ही लेना चाहते हैं। सोचिये जिस बाबा के एक इशारे से पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे पत्रकार की नौकरी चली गई वह यदि रजत शर्मा के शो “आप की अदालत” में बैठ कर इतना भर ही कह दे कि पतंजलि के नाम से ऐसे फ्रॉड हो रहे हैं और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है तो क्या सच में पुलिस चुप बैठी रह सकेगी? क्या फरीदाबाद के कृष्ण छिब जैसे लोगों की गाढ़ी कमाई लुटने से बच नहीं जायेगी?

फरीदाबाद पुलिस का टालू रवैया

फरीदाबाद के जिस पुलिस कमिश्नर के साले सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी से हुई मौत की जांच में बिहार पुलिस और सीबीआई इतनी सक्रियता दिखा रही है, उसी पुलिस कमिश्नर ओ.पी. सिंह की नाक के नीचे फरीदाबाद पुलिस पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर की गई इस ठगी पर खामोश है। कृष्ण छिब जब ओ. पी. सिंह के दफ्तर में इस बाबत शिकायत लेकर पहुंचे तो उन्हें यह कह कर टाल दिया गया कि चार दिन में वे तय करके बताएंगे कि किस विभाग को उनका केस देना है। शिकायत दिए हुए कई दिन बीत चुके हैं लेकिन ओ.पी. सिंह की पुलिस यह तय नहीं कर पाई है उसे शिकायत किस विभाग को देनी है। फरीदाबाद पुलिस चाहे तो इस बारे में रामदेव और बालकृष्ण से ही पूछताछ करके इस फर्जी वेबसाइट से हो रही धोखाधड़ी का भंडा फोड़ कर सकती है। क्योंकि पतंजलि आयुर्वेद के नाम से फर्जी वेबसाइट अभी भी चल रही है और रामदेव और बालकृष्ण पता नहीं क्यों कोई कार्रवाई नहीं कराना चाहते हैं। फरीदाबाद पुलिस को वहां से कम से कम यह तो पता चल सकता है कि असली वेबसाइट का सर्वर कहां है और इस फर्जी वेबसाइट का सर्वर कहां है। दोनों वेबसाइट की होस्टिंग कंपनियां कौन-कौन सी या एक ही हैं।

फरीदाबाद पुलिस एक तरफ तो 17 लाख रूपये से ज्यादा धोखाधड़ी के इस मामले को सुलझाने में दिलचस्पी नहीं ले रही है तो दूसरी तरफ 2,30,000 के मामले को उसने चुटकियों में सुलझाकर अख़बारों में बड़ी बड़ी ख़बरें छपवा लीं। धोखाधड़ी की यह घटना चार्मवुड विलेज के केनवुड टावर में मुनीश कुमार जैन के साथ हुई थी। मामले को सुलझाने के लिए फरीदाबाद पुलिस झारखंड में जामताड़ा

तक जा पहुँची और वहाँ से आरोपियों से करीब सवा लाख रूपये रिकवर करके ले आई।

बिहार पुलिस ने क्यों साध रखी है चुप्पी

कृष्ण ने इस मामले की जानकारी डीजीपी बिहार को भी उनके आधिकारिक ईमेल पर भेजी लेकिन उस पर अभी तक न कोई कार्रवाई हुई और न ही जवाब भेजकर संज्ञान लेने की बात कही गई। बिहार का डीजीपी वही गुप्तेश्वर सिंह हैं जो विकास दूबे को जमीन से खोदकर ला रहे थे। भाजपा की राजनीति चमकाने और नीतीश कुमार की सरकार की मदद के लिए सुशांत सिंह राजपूत के मामले में कूद कूद कर बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवती के खिलाफ उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं जो किसी महिला की गरिमा के खिलाफ है। लेकिन बिहार से हो रहे फ्रॉड की डीजीपी को कोई चिंता नहीं है।

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Mazdoor Morcha
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