बारी बरसी खटण गया सी, खट  कें लयांदां सोना। परे होके खंग कंजरा, कदे कर ना दयी करोना।

बारी बरसी खटण गया सी,  खट  कें लयांदां सोना।  परे होके खंग कंजरा,  कदे कर ना दयी करोना।
March 31 10:46 2020

आपका ही चून आपका ही पुन्न

हरियाणा की खट्टर सरकार ने कोरोना से लडऩे के लिये एक राहत कोश की स्थापना की है। उसमें मनोहर लाल खट्टर जी ने पांच लाख रुपये अपनी कमाई में से देने की घोषणा की है। इसी तरह सभी एमएलए भी एक महीने का वेतन इस कोष में देंगे।

सभी ऑल इंडिया सर्विस वाले अफसरों यानी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस आदि से अपने मासिक वेतन का 20 प्रतिशत देने को कहा गया है। हरियाणा सरकार के कर्मचारी (चपरासी वर्ग को छोडक़र) अपने मासिक वेतन का 10 प्रतिशत इस कोश में दान करेंगे। लेकिन सरकार इसमें कोई राशि देगी या नहीं पता नहीं। यानी हमारे से ही लेकर हमारे ऊपर ही खर्च करना। इसे कहते हैं हमारा ही चून हमारा ही पुन्न।

मदारी और ताली

मोदी जी ने 19 मार्च को टीवी पर एक भवनात्मक भाषण देकर जनता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 22 मार्च के एक दिन के जनता कफ्र्यू लगाने का आह्वान किया। यानी सुबह से शाम तक कोई घर से बाहर नहीं निकलेगा। और शाम पांच बजे सभी स्वास्थ्य कर्मियों का धन्यवाद करने के लिये पांच मिनट तक ताली, थाली और घंटे घडिय़ाल बजाने का आह्वान भी उन्होंने किया। आरएसएस और मोदी भक्तों ने तो बंद को सफल बनाने के लिये जी जान लगानी थी ही ताकि मोदी की घटती लोकप्रियता को रोका जा सके, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने भी कम जोर नहीं लगाया। पुलिस की गाडिय़ां शनिवार 21 तारीख सुबह से ही डण्डा घुमाती सभी रेहड़ी पटरी वालों को तुरन्त अपनी दुकान बंद करने का आदेश दे रही थी। कहने को तो ये जनता कफ्र्यू था लेकिन वास्तव में ये डण्डा कफ्र्यू था।

लेकिन मदारी का असली तमाशा शाम को हुआ। जैसे मदारी कहता है बच्चों बजाओ ताली और मजमे में मौजूद हर व्यक्ति ताली बजाने लगता है। वैसे ही लोगों ने शाम पांच बजे गली चौराहो गलियों में इकट्ठे होकर तालियां, थालियां घण्टे घडिय़ाल बजाकर न सिर्फ कोरोना की बल्कि कफ्र्यू की भी खूब ऐसी-तैसी की। डॉक्टर इस धन्यवाद ज्ञापन को देखकर खूब खुश हुये होंगे। ये अलग बात है कि कई जगह उनको तनखा नहीं मिल रही हो तो कई जगह किराये के घर से निकाला जा रहा है। कोरोना से लड़ाई के लिये जरूरी सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी तो है ही। लेकिन मोदीजी धन्यवाद देकर खुश हैं और 31 मार्च को भी ऐसा और कोई नायाब नुस्खा लाने की तैयारी में हैं।

महाराज सिंधिया की इज्जत

कोरोना के शोर के बीच यह खबर कुछ दब गयी कि महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के युवराज का दरबार छोडक़र अमितशाह के यहां चाकर हो गये। ध्यान रहे कि मध्यप्रदेश के कांग्रेसी एमएलए सिंधिया अपने 12 एमएलए साथियों के साथ कांग्रेस को अलविदा कह गये थे। उन सबने एमएलए के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गयी और शिवराज सिंह दुबारा वहां के मुख्मंत्री बन गये हैं। सिंधिया को भाजपा की टिकट पर राज्य सभा सदस्य चुन लिया गया है।

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी, सिंधिया ने जवाब दिया कि वहां उनकी उचित इज्जत नहीं हो रही थी। बताया जाता है कि उनकी इस बात पर भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी जोर-जोर से खूब हंसे। बता दें कि आडवाणी जी की इज्जत करते हुये मोदी जी ने उन्हें भाजपा मार्गदर्शक मंडल में रख छोड़ा है जिसकी आज तक कोई मीटिंग नहीं हुई है।

अन्तिम मिसरा

पंजाबियों ने कोरोना के लिये भांगडा नाचने के अवसर पर गायी जाने वाली बोलियां बना ली है:-

बारी बरसी खटण गया सी,

खट  कें लयांदां सोना।

परे होके खंग कंजरा,

कदे कर ना दयी करोना।

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