फरीदाबाद (म.मो.) पिछले दिनों फरीदाबाद शहर में काफी चौराहों, मोड़ों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। जिससे यातायात सुचारू रूप से चल सके। इसके साथ नयी एलईडी लाइटें भी लग गईं हैं। हाल ही में शहर के एक मुख्य चौराहे पर जो 9,10, और 12 के साथ साथ इंडियन आयल रिसर्च एंड डेवलपमेंट को भी जोड़ता है, वहां एक नया ट्रैफिक सिग्नल लगा है। और सिग्नल को लगाने के पीछे मुख्य कारण है कि इस चौराहे पर भीड़ अधिक है और जाम लगा करते थे।
तो क्या सिग्नल ने इस समस्या को समाप्त किया? जवाब है नहीं, क्योंकि सिग्नल पर लगी बत्तियां जो संकेतक के रूप में काम करती हैं दिन के उजाले में देखना असंभव है तो वहीं रात के अँधेरे में मात्र एक झलक ही देखी जा सकती है। ट्रैफिक पुलिस जिनके जिम्मे इन बत्तियों का संचालन है वे सडकों पर वाहनो से वसूली में इतनी व्यस्त है कि इस चौराहे पर लगी सभी बत्तियों को पेड़ों की टहनियों और पत्तों ने ढक रखा है, को दिखता ही नहीं।
शहर के डीसी यशपाल यादव ने एक आदेश में इसी सडक़ पर उनके दफ्तर के सामने खड़े होने वाले सभी वाहनों को हटवा दिया पर उनकी दिलचस्पी आम जन के प्रति कुछ कम ही प्रतीत होती है। अन्यथा वे यह देखते हैं कि बत्ती न दिखने के साथ-साथ इसी सडक़ पर शनि मंदिर है जहाँ शनिवार के दिन भक्त, गाडिय़ों का तांता सडक़ पर ही लगा कर तेल चढाने चल देते हैं भगवान शनि को, अन्य राही जाएँ भाड में। इसके अलावा एक अन्य चौराहा जो 11 सेक्टर से आने वाली इस सडक़ पर मिलता है वहाँ भी जाम का बुरा हाल है, परन्तु प्रशासन को वह भी नहीं दिखता। यहाँ भी सिग्नल का होना अति आवश्यक है पर क्या फायदा जब सिग्नल को पेड़ के झुरमुटों में ही छिपाए रखना है।