उसी बाथरूम में बार-बार क्यों और कैसे गिरते हैं अनिल विज?

उसी बाथरूम में बार-बार क्यों और कैसे गिरते हैं अनिल विज?
June 14 16:39 2020

विज की टांग टूटी हरियाणा में, इलाज कराने पंजाब गए

स्वास्थ्य मंत्री को खुद अपने राज्य के सरकारी अस्पतालों पर भरोसा नहीं, जनता कैसे करेगी

 

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

चंडीगढ़: हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अपने घर के बाथरूम में क्या गिरे कि हरियाणा के हेल्थ सिस्टम की पूरी बखिया उधड़ गई। हुआ यह कि अनिल विज 9 जून को अंबाला में अपने घर आए भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने लंबी-चौड़ी छोडऩे और प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार गुणगान करने के बाद सीधे दूसरी मंजिल पर बने बाथरूम में नहाने चले गए। चंद मिनट में शोर मचा कि विज साहब अपने बाथरूम में फिसल कर गिर गए हैं।

उन्हें फौरन अंबाला कैंट के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां पता चला कि उनके पैर की हड्डी टूट गई है। उस प्राइवेट अस्पताल ने ज्यादा रिस्क न लेत हुए, मंत्री के घर वालों के कहने पर अनिल विज चंडीगढ़ के पास मोहाली के मैक्स अस्पताल रैफर कर दिया। मोहाली पंजाब का इलाका है। यानी हरियाणा का मंत्री चोट खाने के बाद पंजाब में इलाज कराने गया। वहां उनकी सफल सर्जरी हुई। हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं, लेकिन अनिल विज के इस कर्म ने हरियाणा भाजपा सरकार की पोल खोल दी। मुख्यमंत्री खट्टर भी 10 जून को अपने मंत्री का हालचाल लेने मोहाली के मैक्स अस्पताल जा पहुंचे। वहां वह फीकी हंसी लिए विज का हालचाल पूछते रहे और फोटो खिंचवाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक विज ने सीएम से बातचीत में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ली।

लोगों के सवाल का जवाब नहीं

मुख्यमंत्री के बाद अनिल विज हरियाणा के सबसे असरदार मंत्री हैं जो हर समय अपने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को घेरते रहते हैं। थक हारकर भाजपा आलाकमान द्वारा अनिल विज को चुप कराना पड़ता है। लेकिन इस बार जब विज घायल हुए तो जनता तमाम सवाल कर रही है। लोगों ने सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार से तीखे सवाल किए। जनता ने कहा कि हरियाणा का हेल्थ मिनिस्टर घायल हो जाए और उसे इलाज कराने दूसरे राज्य के प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़े, इससे ज्यादा लानत की बात और क्या हो सकती है। कुछ लोगों ने सवाल किया कि क्या अंबाला या पंचकुला का सरकारी अस्पताल इतना गया गुजरा है कि वहां अनिल विज भर्ती नहीं कराया जा सकता था। पंचकुला को तो हरियाणा सरकार अपनी राजधानी भी मानती है, क्या वहां ढंग का सरकारी अस्पताल नहीं है।

कुछ लोगों ने आशंका जताई कि स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा के किसी सरकारी अस्पताल में इसलिए नहीं भर्ती हुए कि कहीं वो कोरोना संक्रमित न हो जाएं। खुद मंत्री से हरियाणा के सरकारी अस्पतालों की हालत नहीं छिपी है। इसलिए वे सोच समझ कर ही पड़ोसी राज्य पंजाब के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुए।

बतौर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अक्सर सरकारी अस्पतालों और प्राइमरी हेल्थ सेंटरों पर छापा मारते रहते हैं। वहां मीडिया को बुलाकर फोटो खिंचवाते हैं और कड़े बयान देते हैं। गोदी मीडिया में हीरो बनने के बाद न उनके बयान पर किसी अस्पताल में अमल होता है और न विज ही दोबारा मुडक़र अपने आदेशों पर कार्रवाई के बारे में पूछते हैं। बहरहाल, विज के इस कदम से साबित हो गया कि हरियाणा में कोई भी सरकारी अस्पताल ऐसा नहीं है जिस पर भरोसा किया जाए। कोरोना पीड़ित मरीजों पर हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में क्या बीत रही होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

उसी बाथरूम में क्यों गिरते हैं अनिल विज

अनिल विज अपने घर के उस बाथरूम में 9 जून को पहली बार नहीं गिरे हैं। कुछ महीने पहले भी विज इसी बाथरूम में नहाते वक्त गिर गए थे, तब उन्हें मामूली चोट आई थी। बताया जाता है कि अक्सर घिसी हुई चप्पल पहनकर नहाने की वजह से विज के साथ ये दो घटनाएं हुई हैं। वैसे भी उनका शरीर भारी है तो चोट ज्यादा महसूस होती है। इस बार पैर की हड्डी टूटना ज्यादा चिंताजनक है। हाल ही में अनिल विज से गृह मंत्रालय वापस लेने की चर्चा गोदी मीडिया में हुई थी। समझा जाता है कि वो चर्चा कम से कम दो महीने के लिए टल गई लेकिन मुख्यमंत्री ऐसे महत्वपूर्ण विभाग को इस तरह छोड़ नहीं सकते तो हो सकता है कि सीएम खुद ही अब इस विभाग को देखने लगे। वैसे भी विज के पास नाम के लिए गृह विभाग था। सीआईडी और अन्य खुफिया यूनिट सीधे मुख्यमंत्री खट्टर को ही रिपोर्ट कर रही थीं। ऐसे में विज के पास गृह विभाग का होना न होना एक बराबर है।

कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर चुटकी लेते हुए कहा है कि अनिल विज को अपनी घिसी हुई चप्पल बदल लेनी चाहिए और उस बाथरूम में नहाने से बचना चाहिए। कुछ लोगों ने चुटकी ली कि किसी ने विज के ऊपर काला जादू तो नहीं कर दिया कि वह बार-बार उसी बाथरूम में गिर रहे हैं। उन्हें रामदेव से सलाह लेकर किसी तांत्रिक की सेवाएं हासिल करनी चाहिए।

प्राइवेट पर ज्यादा भरोसा है भाजपा नेताओं को

भाजपा के नेताओं को प्राइवेट अस्पतालों पर ज्यादा भरोसा है। हाल ही में भाजपा के विवादास्पद प्रवक्ता संबित पात्रा को खांसी-जुकाम हुआ तो वह कोरोना टेस्ट कराने गुडग़ांव के अस्पताल में जा पहुंचे। वहां वह कई दिन भर्ती रहे। आमतौर पर नेताओं का हेल्थ बुलेटिन जारी करने वाले मेदांता अस्पताल ने संबित पात्रा के वहां भर्ती होने पर तमाम चुप्पी साधे रखी। पत्रकार और उनकी पार्टी के शुभचिंतक मेदांता में फोन करके संबित की बीमारी के बारे में पूछते रहे लेकिन वहां से कभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। इससे तमाम अफवाहें फैलीं। लेकिन संबित पात्रा टीवी पर फिर से नजर आने लगे हैं तो माना जा रहा है कि वह मेदांता से सकुशल लौट आए हैं। लेकिन उनका चेहरा अब लटका हुआ है, उसमें पहले जैसा असर नहीं है।

इसी तरह भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां को कोरोना हुआ तो वो लोग भी मैक्स अस्पताल साकेत में भर्ती हुए। इसी तरह भाजपा के कई और नेता भी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे। इससे पहले ज्योतिरादित्य की बुआ और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और उनके बेटे दुष्यंत का भी कोरोना टेस्ट प्राइवेट अस्पताल में हुआ था। ये दोनों एक गायिका कनिका कपूर की पार्टी में शामिल हुए थे जो लंदन से कोरोना के लक्षण लेकर आई और एयरपोर्ट से चुपचाप बाहर निकल आई थी। बाद में जब उसमें कोरोना की पुष्टि हुई तो हंगामा मच गया था। कनिका कपूर की पार्टी में वसुंधरा के अलावा कई भाजपा नेता और यूपी के मंत्री-विधायक भी शामिल हुए थे। इन सभी का कोरोना टेस्ट हुआ था।

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