उक्त बाइकर तो केवल घायल ही हुआ है, वरना यहां तो कई लोग मैनहोलों में गिर कर अपनी जान गंवा बैठे

उक्त बाइकर तो केवल घायल ही हुआ है, वरना यहां तो कई लोग मैनहोलों में गिर कर अपनी जान गंवा बैठे
March 16 09:41 2020

बाइक सवार मैनहोल में गिर कर घायल,

निगम के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं

फरीदाबाद (म.मो.) एनआईटी क्षेत्र की पर्वतीया कॉलोनी की एक गली में सीवर का पानी भरा था जिसकी वजह से बाइक सवार को मेनहोल का टूटा ढक्कन दिखाई नहीं दिया और उसका बाइक उसमें फंस गया। बाइकर गंदे पानी में गिर कर लथ-पथ हुआ और घायल भी। जेब से निकल कर स्मार्ट फोन भी मैनहोल में जा गिरा। आसपास के लोगों ने उसे जैसे-तैसे कीचड़ से निकाल कर उसकी मरहम-पट्टी करवाई। पर्वतीया कॉलोनी की यही एकमात्र गली नहीं है जिसमें सीवर का पानी खड़ा रहता है, इस क्षेत्र ऐसी अनेकों गलियां हैं जिनमें भरे सीवेज से लोगों को गुजरना पड़ता है, बच्चों को स्कूल के लिये भी इसी पानी में से छपाछप होकर गुजरना पड़ता है। इसकी तस्वीरें आये दिन अखबारों में छप रही हैं लेकिन किसी पर कोई असर नहीं। और तो और गली के तमाम मैनहोलों के ढक्कन अभी कुछ दिन पहले ही लगाये गये थे जो आज सभी टूटे पड़े हैं। कारण स्पष्ट है घटिया माल कमीशन मोटा।

उक्त बाइकर तो केवल घायल ही हुआ है, वरना यहां तो कई लोग मैनहोलों में गिर कर अपनी जान गंवा बैठे हैं और आगे भी तब तक गंवाते रहेंगे जब तक जि़म्मेदार निगम अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं होंगे। इस बात की गारंटी है कि जिस दिन इनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज करके इन्हें जेल भेजना शुरू कर दिया जायेगा उस दिन से न तो किसी मैनहोल का ढक्कन टूटेगा और न ही कोई उनमें गिरेगा।

गांव फतहपुर चंदीला व सेक्टर 21-बी के बीच बसी इन्दिरा कॉलोनी में भी ऐसा ही एक मैनहोल खुला पड़ा र्है जिसके बारे में वहां के निवासियों ने कई बार निगम के अधिकारियों को शिकायत की है परन्तु किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी, शायद उसमें किसी के गिर कर मरने का इन्तज़ार किया जा रहा है। यदि इन कामचोर व हरामखोर अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमें दर्ज होने लगें तो ये शिकायत पर तो क्या बिना शिकायत ही रोज़ाना अपने-अपने क्षेत्र के मैनहोल चैक करके उन पर ढक्कन लगाने लगेंगे। मजे की बात यह बनी कि जब ‘मज़दूर मोर्चा’ का फोटोग्राफर खुले मैनहोल का $फोटो लेने मौके पर पहुंचा तो पाया कि निगमकर्मी मैनहोल का ढक्कन लगा रहे थे। खैर, जो भी है ढक्कन तो लग ही गया।

 

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Mazdoor Morcha
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