मेट्रो तो चलेगी लेकिन जनता की परेशानियां बढ़ाते हुए
फरीदाबाद (म.मो.) 24 मार्च से बंद हुई मेट्रो रेल सेवा को जनता के सिर पर बहुत बड़ा अहसान लादते हुए मोदी सरकार 7 सितम्बर से शुरू करने जा रही है। फरीदाबाद से मेट्रो 10 सितम्बर से चलेगी।
विदित है कि कारें, बसें, ट्रेनें व हवाई जहाज महीनों पहले से चल रहे हैं। मेट्रो रेल न चलने से स्थानीय आवागमन करने वाले लोग अपने निजी वाहनों से सफर करने को मजबूर हैं। इसके चलते दिल्ली की सडक़ों पर भारी जाम की स्थिति बनी रहती है।
अब भी जिन पाबंदियों एवं ड्रामेबाजी करते हुए मेट्रो का परिचालन शुरू किया जा रहा है वह केवल और केवल यात्रियों को परेशान करने के लिये किया जा रहा है। शाही फरमान जारी हुआ है कि मेट्रो से प्रात: 7 से 11 व सांय 4 से 8 तक ही चलेगी। कोई समझाये इन मूर्ख हुक्मरानों को इस आदेश से यात्रियों की भीड़ घटाने का प्रयास किया गया है या बढ़ाने का? इस आदेश के मुताबिक लोग 11 बजे से 4 बजे के बीच व रात को 8 से 11 के बीच यात्रा कर सकते थे इन्हें भी अब उन सीमित घंटों के बीच ही यात्रा करनी होगी। जाहिर है इससे भीड़ बढ़ेगी ही।
दूसरे नकद पैसा लेकर टोकन नहीं बेचेंगे। इसके अलावा स्मार्ट कार्ड का रिचार्ज भी नकद पैसा लेकर नहीं बल्कि डिजिटल पेमेंट के द्वारा ही लिया जायेगा। क्यों भाई नकद रूपयों में क्या कोरोना वायरस रहता है? यदि ऐसा है तो फिर पूरे देश में ही नकद रूपयों का लेनदन बंद कर दिया जाये ताकि देश का सत्यानाश होने में जो थोड़ी बहुत कसर बची है, वह भी पूरी हो जाये।
तीसरे, अवागमन के लिये मेट्रो स्टेशनों के सभी गेट न खोल कर केवल एक ही रास्ते को खोला जायेगा। जाहिर है इससे उस एक रास्ते पर भीड़ बढ़ेगी, इसे बढ़ाने में क्या अक्लमंदी है?
फिर हर स्टेशन पर मेट्रो नहीं रूकेगी खासकर कन्टेनमेंट जोन वाले इलाके में। विदित है कि हर स्टेशन के आसपास लाखों लोग बसते हैं और वहां से हजारों लोग आवागमन करते हैं। जब आप आरोग्य सेतु एप देख रहे हैं, बुखार चेक कर रहे हैं तो इन स्टेशनों को बंद रखने का क्या औचित्य? इतना ही नहीं अभी केवल येलो लाइन, यानी समयपुर बादली से गुडग़ांव जाने वाली, ही चलेगी, क्यों? सभी मार्गों पर चलाने में क्या मुसीबत है?
इस तरह के सभी सवाल जब समझ में नहीं आयें तो अपने एक बहुत पुराने मित्र कोशी, जो 1973 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हैं से समझने का प्रयास किया तो उन्होंने बहुत सीधा सा जवाब दिया कि जब राजा को जनता के हितो से सरोकार नहीं होता तो इसी तरह के हुकुमनामे जारी होते हैं। इसी बाबत सेवानिवृत्त एसडीएम अमरनाथ इच्छपुंजानी से पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त सा जवाब दिया कि इससे न तो सरकार को कोई लाभ होगा, न ही मेट्रो को, हां, मेट्रो यात्रियों की परेशानियां जरूर बढ़ेगी।