आईजी संजय कुमार ने प्रॉपर्टी डीलिंग से इन्कार नहीं किया…

आईजी संजय कुमार ने प्रॉपर्टी डीलिंग से इन्कार नहीं किया…
September 19 02:49 2020

मजदूर मोर्चा की खबर का जवाब

फ़रीदाबाद (म.मो.) ‘चोर मचाये शोर’ वाली कहावत को चरितार्थ करते उए संजय कुमार ने अपने प्यादे से अंग्रेजी भाषा में एक व्हाट्सऐप मेसेज फॉरवर्ड करवाया है| इसमें कहा गया है कि ‘मजदूर मोर्चा’ में उनको लेकर प्रकाशित खबर बिल्कुल झूठी और मनगढ़ंत है| संपादक सतीश कुमार ने यह खबर इसलिए प्रकाशित की क्योंकि बतौर सीपी फरीदाबाद अपनी तैनाती के दौरान संजय ने सतीश के खिलाफ़ एक अपराधिक मुकद्दमा दर्ज किया था| इतना बताने के साथ-साथ संजय यह भी बता देते कि उक्त झूठा मुकदमा दर्ज करने का परिणाम क्या हुआ? खैर, वे तो क्या बताएगे, ‘मजदूर मोर्चा’ ही बता देता है|

तत्कालीन डीसीपी एनआईटी विक्रम कपूर ने 14 अगस्त 2019 को आत्महत्या कर ली थी जिसमे सतीश कुमार को भी बिना बात लपेटने के लिए ऍफ़आईआर में उनका नाम फंसा दिया| लेकिन संजय उन्हें एक दिन के लिए भी गिरफ्तार नहीं कर पाया, एक सप्ताह भीतर उनको यहाँ से बदल दिया गया और उनके द्वारा गठित एसआईटी (विशेष तफ्तीश टीम) के ऊपर सरकार ने हिसार के आईजी रेंज अमिताभ ढिल्लो के नेतृत्व में नयी एसआईटी गठित कर दी जिसमे तत्कालीन एसपी पलवल, नरेन्द्र ब्रजार्निया आईपीएस, पानीपत के डीएसपी राजेश फोगाट, गुडगाँव के दो इंस्पेक्टर, नरेंद्र चौहान व् आनंद कुमार को लगाया| पोलीग्राफ टेस्ट के बावजूद सतीश कुमार के विरुद्ध कुछ भी नहीं मिला| वैसे सतीश कुमार के खिलाफ दर्ज होने वाला न तो यह पहला झूठा मुकदमा था न ही आखिरी| इससे पहले भी सात झूठे मुकदमों से वे बेबाक होकर निकल चुके हैं|

रही बात संजय की, तो जो कुछ भी उनके बारे में गतांक में प्रकाशित किया गया है, वह सब कुछ स्वत: सिद्ध है| पुलिस लाइन के गेस्ट हाउस पर कब्ज़ा, हिसार पुलिस के ड्राइवरों सहित दो वाहन, साथ पुलिसकर्मीयों व् दो लांगरियों की तैनाती सबको दिख रही है| वाहनों के नम्बर व् चित्र तथा पुलिसकर्मियों के नाम तक प्रकशित किये गए हैं| सेक्टर 21 डी वाली कोठी का ब्यौरा भी रिकार्डेड तथ्य है|

रही बात संजय पुंज की तो वे उस ग्रीन एस्टेट सोसाइटी के 1800 सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से निर्वाचित प्रसीडेंट हैं जिनके जिम्मे 135 एकड़ जमीन की देख-रेख है| इनकी सोसाइटी को 1600 वर्ग गज जमीन पर आई जी संजय ने अपनी पुलिसिया पावर के दम पर कब्ज़ा करके अपने एक प्यादे धनंजय को वह बैठा दिया| पुलिस में शिकायत करने पर उल्टे संजय पुंज, उनके चौकीदार व् गार्ड को ही गिरफ्तार करवा दिया| ये कारनामे थे संजय के, यहाँ बतौर सीपी तैनाती के दौरान|

सत्ता के गलियारों में संजय की पैठ का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये चौटालों के राज में यहाँ सहायक एसपी, अतिरिक्त एसपी, हुड्डा राज में एसपी पलवल, डीसीपी एनआईटी, डीआईजी बनने के बाद दो बार यहाँ जॉइंट सीपी तथा आईजी बनने के बाद सीपी रह चुके हैं| हरियाणा के किसी भी आईपीएस ने इतनी तैनाती इस क्षेत्र में नहीं काटी| यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है| इन्ही तैनातियों के दौरान संजय ने वर्दी पहन कर प्रोपर्टी डीलरी का धंधा करना खूब अच्छी तरह सीख लिया|

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