फरीदाबाद (म.मो.) सन् 2019 में यहां के सीपी रह चुके और अब हिसार रेंज के आईजी पद पर तैनात संजय कुमार ने सेक्टर 30 स्थित यहां की पुलिस लाइन में बने गेस्ट हाउस पर कब्ज़ा कर रखा है। खोज-बीन करने पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि यह अवैध कब्ज़ा कोई आज-कल में नहीं बल्कि सन् 2017 में किया गया था। यानी संजय ने उस गेस्ट हाउस को अपने परिवार की रिहायश के लिये कब्ज़ा रखा है जो सरकार ने आने-जाने वाले पुलिसकर्मियों के ठहराव के लिये बना रखा है।
यहां सीपी नियुक्त होने से पहले भी संजय आई जी हिसार तैनात थे तो उस वक्त भी इनका परिवार इसी गेस्ट हाउस में रहता था। सीपी नियुक्त होने के बाद अपने आधिकारिक निवास के साथ-साथ इस गेस्ट हाउस को भी इन्होंने कब्ज़े में रखे रखा था। विदित है कि हिसार में तैनात आईजी के लिये भी एक विशाल बंगला है। किसी भी अधिकारी द्वारा एक ही समय में दो-दो मकानों पर कब्ज़ा करना पूर्णतया गैरकानूनी है और इसके लिये उनके विरूद्ध विभागीय कड़ी कार्रवाई बनती है।
इतना ही नहीं, गेस्ट हाउस पर कब्ज़े के साथ-साथ परिवार की सेवा के लिये हिसार जि़ले के दो वाहन, भी यहां छोड़े गये हैं जिनके नम्बर-एचआर-24वाइ-4300, एचआर-39 सी-0022 है। इन वाहनों के ड्राइवरों सहित कुल सात पुलिसकर्मियों व दो लांगरियों की यहा तैनाती का पता चला है। जिनके नाम, एएसआई नरेश, ड्राइवर प्रद्यूमन, ड्राइवर धर्मेंद्र, सिपाही पवन (गनमैन), सिपाही श्यामसुंदर, सिपाही विनोद, ये सभी फरीदाबाद जि़ला पुलिस के हैं तथा एक ड्राइवर राम लाल हिसार से भेजा गया है। इनके अलावा खाना बनाने आदि के लिये दो लांगरी भी यहां तैनात हैं।
फरीदाबाद पुलिस लाइन में खड़ी सरकारी गाड़ियाँ
इतना ही बड़ा बल्कि इससे भी कहीं बड़ा अमला बतौर आईजी संजय को हिसार में भी मिला हुआ है। वहां भी इनकी सेवा में इतने ही वाहन तैनात रहते हैं। एक तरफ तो थाने-चौकियों में संसाधनों की भारी किल्लत का रोना-रोया जाता है; धनाभाव की बात कह कर सरकार पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराती, वहीं दूसरी ओर इस तरह से संसाधनों की बर्बादी इतनी बेदर्दी से की जा रही है। इसके अलावा यह भी ज्ञात हुआ है कि संजय लगभग हर सप्ताहांत अपने सरकारी वाहन से यहां का दौरा करते हैं। यह खर्चा भी कोई कम नहीं होता।
संसाधनों के इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिये डीजीपी की ओर से बाकायदा एक ‘कड़ा’ पत्र भी जारी किया हुआ है। इसके अनुसार हर जिम्मेवार अधिकारी को एक शपथ पत्र देना होता है कि उसके यहां ऐसा कोई दुरुपयोग नहीं हो रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि इस बाबत संजय सहित उन तमाम अफसरों ने ऐसे कोई शपथपत्र दिये हैं या नहीं। दोनों ही मामलों में वे तमाम सीपी भी दोषी बनते हैं जिनकी यहां तैनाती के दौरान उनके मातहत पुलिसकर्मियों का इस तरह से दुरूपयोग होता रहा है।
थाने-चौकियों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिये भोजन पकाने आदि के लिये लांगरियों का प्रावधान किया गया है। उच्चाधिकारियों को भी एक-एक लांगरी रखने का प्रावधान है, परन्तु जब इस तरह से एक-एक अफसर चार-चार लांगरी रखेगा और सेवानिवृत होने के बाद भी उन्हें नहीं छोड़ेगा तो इतने लांगरी कहां से आयेंगे? जाहिर है ये सब थाने-चौकियों से ही निकाले जायेंगे।
मकान नम्बर 46 सेक्टर 21 डी
21 डी स्थित संजय कपूर का घर
सन् 2008 में जब संजय पलवल में बतौर एसपी तैनात थे, उन्होंने सेक्टर 21 डी में 505 गज़ की एक बनी बनाई कोठी एक करोड़ तीस लाख में खरीदी थी। जानकार बताते हैं कि पलवल स्टेशन छोडक़र वे इसी कोठी में निवास करते थे। यहीं से हर रोज़ पलवल का आना-जाना करते थे। जाहिर है यह सरकारी वाहन का खुला दुरूपयोग था।
विश्वस्त सूत्रों का मानना है कि यह कोठी उस वक्त इनके द्वारा की गई सिपाही भर्ती से हुई आमदनी से खरीदी गई थी। यद्यपि भर्ती के लिये लिये-दिये गये पैसों का कोई हिसाब-किताब नहीं होता और न ही इसकी कोई रसीद-ली-दी जाती है। इतना ही नहीं मौजूदा चल रही व्यवस्था में रिश्वत देने वाला भी खुलकर बताने से घबराता है। कहा जाता है कि उस वक्त का रेट पांच लाख रुपये था।
उपलब्ध सूचना के अनुसार संजय ने यह कोठी 2018 में दो करोड़ 63 लाख में बेच दी। अपने रहने के लिये सरकार से अनुमति लेकर एक मकान बना लेना कोई गुनाह नहीं होता लेकिन इस तरह से मकान की खरीद-बेच का व्यापार करना सेवा शर्तों का खुला उल्लंघन है। 2019 में बतौर सीपी फरीदाबाद की तैनाती के दौरान इन्होंने अरावली के संरक्षित वन क्षेत्र में दस एकड़ ज़मीन का भी सौदा कर रखा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अनखीर गांव का यह रकवा 55 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदा गया है। संजय ने यहां चतुराई यह की है कि इसकी रजिस्ट्री एक होटल मालिक संजय मक्कड़ के नाम से कराई है। सूरजकुंड रोड स्थित डिलाइट गार्डन के पिछे की ओर परमहंस आश्रम के निकट स्थित इस दस एकड़ के इस भूखंड की चार दीवारी अभी तक नहीं कराई गई है क्योंकि इनका साथ लगती देह शामलात ज़मीन पर भी कब्ज़ा करने का शायद इरादा है। ऐसा नहीं है कि इस तरह की डकैतियां मारने वाला एक संजय कुमार ही है, अधिकांश उच्चाधिकारी इसी श्रेणी में आते हैं। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की सत्ता के गलियारों में अच्छी-खासी पैंठ रहती आई है, सत्ता चाहे किसी भी पार्टी की हो। इसी पैंठ का करिश्मा है जो संजय एडिशनल एसपी फरीदाबाद, एसपी पलवल, डीसीपी एनआईटी, दो बार ज्वायंट सीपी तथा सीपी फरीदाबाद की तैनाती काट गया। इस मलाईदार क्षेत्र से हटा भी हों तो दो बार हिसार रेंज ही तैनाती पाई। क्या सरकार के पास इनसे बढिया और कोई अफसर नहीं बचा?
देखने वाली बात यह भी महत्वपूर्ण है कि जब इतने उच्च स्तरीय अधिकारियों का यह हाल है तो छोटे मुलाजिमों से क्या उम्मीद की जा सकती है? दरअसल छोटे मुलाजिम तो कमाते ही इन बड़े मगरमच्छों के लिये हैं। गजब की बात तो यह है कि रिश्वतखोरी के आरोप में जब भी पकड़े जाते हैं तो छोटे मुलाजिम ही पकड़ में आते हैं।
कोई विरला ही आईपीएस अधिकारी कभी पकड़ में आया हो तो कह नहीं सकते, आया भी होगा तो इतने बड़े स्तर का नहीं होगा। जाहिर है जब तक ये उच्चाधिकारी नहीं सुधारे जायेंगे पुलिस महकमा इसी तरह डकैती मारने का महकमा बना रहेगा।
पल्ला इलाके में भी सोसायटी की ज़मीन पर कब्ज़ा
अवैध कब्ज़े की ज़मीन
थाना पल्ला के इलाके में स्थित ग्रीन एस्टेट प्लॉट होल्डर्स एसोसिएशन की 1600 वर्ग गज़ ज़मीन पर संजय ने 16.5.19 को तब कब्ज़ा कराया जब वे यहां बतौर सीपी तैनात थे। इस ज़मीन पर सैंकड़ों कीकर के पेड़ थे जिन्हें जेसीबी आदि मशीनों द्वारा हटा कर ज़मीन को समतल कराया गया। यह प्रोजेक्ट पूरे पांच दिन चला। सोसायटी के चौकीदार ने इस बाबत अपने प्रेजीडेंट संजय पुंज को सूचित किया तो उन्होंने पुलिस चौकी नवीन नगर व थाना पल्ला को बार-बार फोन लगाया लेकिन किसी ने $फोन तक नहीं उठाया।
संजय ने इस कब्ज़े के लिये धनंजय झा नामक अपने एक प्यादे को आगे करके उसके लिये फर्जी कागजात तैयार कराये। सीपी के रूप में संजय से प्राप्त ताकत के दम पर उसने सोसायटी के चौकीदार की झोंपड़ी उखाड़ दी और उसे मार-पीट कर भगा दिया।
सोसायटी प्रेजिडेंट उस चौकीदार व गार्ड को लेकर शिकायत करने गये तो पुलिस ने उल्टे उन दोनों शिकायतकर्ताओं को ही धारा 107/151 में गिरफ्तार कर लिया। ऐसा था उस वक्त सीपी संजय का जलवा। इसके बाद कब्जे को पक्का रखने के लिये धनंजय झा ने इस प्लॉट पर पक्की झोंपड़ी बनाकर निर्माण सामग्री-ईंट, रोड़ी, क्रेशर, रेती आदि बेचने का धंधा शुरू कर दिया। जहां सीपी अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करके इस तरह से कब्ज़े करेगा तो फिर बाकी मुलाजमान क्या-क्या नहीं करेंगे, कौन जाने?