फरीदाबाद (म.मो.) : एनआईटी नं. 5 इलाके में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विधायक सीमा त्रिखा अब स्वयंभू मार्केट प्रधान भी नियुक्त करने लगी हैं। हालांकि यह काम मार्केट के दुकानदार करते हैं लेकिन विधायक सीमा ने भी इसकी जिम्मेदारी संभाल ली है।
2014 में भारी बहुमत से जीतने वाली सीमा त्रिखा 2019 का विधानसभा चुनाव बस जैसे-तैसे नाम मात्र वोटों से ही जीत पाई थी। कुछ जानकार लोग तो इसमें धांधली होने का आरोप भी लगाते हैं। सीमा चुनाव तो बेशक जीत गयी, परन्तु उन्हें अपने पैरों तले की ज़मीन जरूर खिसकती नज़र आ रही है।
अपनी इसी जमीन को मज़बूत करने की कवायद में विधायक सतनाम मंगल जैसे दबंगों को साधने में जुट गयी हैं। इसी कवायद के तहत उन्होंने मंगल को बिना किसी विधिवत चुनाव के एनएच पांच नम्बर मार्केट का प्रधान घोषित कर दिया जबकि इस मार्केट के विभिन्न भागों के अलग-अलग कई प्रधान
हैं।
एक भाग के प्रधान बंसीलाल कुकरेजा हैं तो दूसरे के सुरेन्द्र सिंह (अंडों वाला) हैं तो भीतरी मार्केट के प्रधान प्रताप सिंह चावला हैं। लेकिन सीमा ने सत्तारूढ भाजपा का विधायक होने की ठसक में मंगल को तमाम मार्केट का प्रधान घोषित कर दिया। इस उपलक्ष्य में उन्होंने 10 अगस्त को मार्केट के बीच (मित्तल कॉम्पलेक्स)के सामने बने मंदिर में अपने कुछ लगुए-भगुओं को एकत्र करके लड्डू बांटे और मंगल को बधाई दी।
इस क्षेत्र में मंगल की अपनी तो कोई दुकान है नही, हां वे प्रॉपर्टी का धंधा जरूर करते हैं। इसी धंधे के चलते वे कुछ स्थानीय बिल्डरों के साथ मिल कर उन प्रॉपर्टीज़ में हिस्सा पत्ती डाल लेते हैं जो वे बना रहे होते हैं। मंगल के हिस्सेदार होने के चलते बिल्डर $िफजूल की कई परेशानियों से बचे रहते हैं। मंगल के होते निगम कर्मचारियों से भी सौदेबाज़ी करने में का$फी आसानी रहती है।
विधायक सीमा से प्राप्त इस आशीर्वाद के बाद एवं मार्केट प्रधान की हैसियत से मंगल ने पूरी मार्केट में जन्माष्टमी व स्वतंत्रता दिवस की बधाई देने वाले कई बोर्ड खंबों पर लगाये थे। इसी तरह के कुछ बोर्ड बंसीलाल कुकरेजा ने भी प्रधान की हैसियत से ऐसे ही कुछ बोर्ड लगाये थे। लेकिन कहा जाता है कि रात को मंगल ने अपने आदमियों को कह कर बंसीलाल के तमाम बोर्ड उतरवा कर तोड़-$फोड़ दिये। जानकार बताते हैं कि इसकी शिकायत करने बंसीलाल व उनके साथी थाने में भी गये जहां न तो उनकी कोई सुनवाई होनी थी और न ही हुई। अब यह सवाल मंगल पर बनता है कि वे इस मामले पर अपनी स$फाई दें। यदि वे वास्तव में ही प्रधान बनना चाहते हैं तो उन्हें अपने आप को इस तरह की गुंडागर्दी के आरोपों से बचाना चाहिये।